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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी: हजार द्वार जैसा बनाकर बैठ जाए. हवा महल जैसी खिडकियां बनाकर रख दें, वह भी निषेध है, उसमें भी सतत मन में भय रहेगा. न जाने कब कौन व्यक्ति आ जाए और कैसी घटना घट जाए. अति गुप्त भी नहीं चाहिए कि जहां सूर्य की किरण भी न आए, शुद्ध वायुपान भी व्यक्ति न कर पाए, ऐसा गुप्त स्थान भी नहीं चाहिए. अति प्रकट स्थान भी नहीं चाहिए. रात्रि में बन्द करते समय यदि भूल से कोई दरवाजा खुला रह गया. कोई खिड़की खुली रह गई. तो जान का जोखिम होगा. मकान के योग्य जैसा शिल्प है, शिल्प के अनुसार ही मकान का निर्माण करे. आज हम उससे बिल्कुल विपरीत हो गए. आज तो हमें आंख को सुन्दर लगना चाहिए. दस आदमी आकर उसकी प्रशंसा करें, बस वह चाहिए. मन के विषय के अनुकूल मकान चाहिए. परिणाम वही आता है. मन का आकार दिमाग पर असर डालता है. रात्रि के समय यदि आप सोते हों, आपकी छाती के ऊपर से यदि गाडर जाता हो उसका प्रेशर आएगा, आपकी छाती में भार आएगा. रात्रि में भय के स्वप्न आएंगे. आप चमक जाएंगे, आगे चलकर के शारीरिक दृष्टि से नुकसान का कारण, दर्द का कारण बनेगा. एक सामान्य गाडर के नीचे यदि आप सोते हों, छाती पर अगर गाडर आता हो, उसका भी यह कारण बनता है. मकान का शिल्प अशुद्ध हो और आपने मात्र अपनी आंख को देख करके आंख को अच्छा लगे, बस मन को प्रिय हो, लोग प्रशंसा करें. इसी दृष्टि से कि आपने मकान निर्माण कराया, तो वह मकान आपके रहने के योग्य नहीं होगा. आज नहीं तो कल वह मकान आपको नुकसान करने वाला बनेगा... बहुत योग्य विशिष्ट जानकार व्यक्ति, भारतीय शिल्प के अनुसार यदि मकान का निर्माण उनसे पूछ कर कराएं तो बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं. बहुत सारी बीमारियों का यही कारण हैं. पहले तो हमारे यहां ईंटों के मकान बनते, लकड़ी के मकान बनते, भारतीय जलवायु के अनुकूल था. आप उसमें रहें तो बीमारी बहुत कम आएगी. रोग का प्रतिकार मकान ही कर देगा. प्राकृतिक कोप से रक्षण करेगा. गर्मी को चूस लेगा, शरीर में उतनी मात्रा में गर्मी आएगी जो इस टेम्प्रेचर के अनुकूल है. उससे भी आगे हम बढ़ गए, पत्थर का मकान, सीमेंट और कंकर का मकान और फिर उसमें लोहा. लोहे से मिश्रित यदि वह मकान होगा, बाहर की गर्मी इतनी भयंकर होगी कि उस मकान में आप बेचैन हो जाएंगे. वह बेचैनी आगे चलकर के पीड़ा का कारण बनती है ज्यादातर मस्तिष्क का दर्द पैदा करने वाली, विचारों में अशान्ति पैदा करने वाली, विचारों को उद्वेलित करने वाली बनेगी. शारीरिक प्रकोप उत्पन्न करेगी. हमेशा ब्लड प्रेशर हाई रहेगा. ऐसे मकान रात्रि के दो बजे ठण्डा होगा. सीमेंट और लोहा ज्यादा गर्मी करेगा. उसके 514 For Private And Personal Use Only
SR No.008711
Book TitleGuruvani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1996
Total Pages410
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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