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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी प्रलोभन ऐसी चीज है उस प्रलोभन के आगे सारा जीवन उस भय के अन्दर रहकर के व्यक्ति पूर्ण कर देता है. कभी न कभी वह भय मृत्यु या असमाधि का कारण बनता है. बहत वर्ष पहले फिलीपाइन्स टाप के अन्दर जहां बहत सारे ज्वालामुखी हैं, काफी बड़ी संख्या में लोग रहते हैं, रबड़ का बहुत बड़ा उद्योग है. रबड़ के बगीचे हैं. बाहर से आने वाले ज्यादातर चीन के लोग वहीं पर थे. ये लगभग 70-75 वर्ष पहले की घटी घटना है, बहुत बड़ा उद्योग था. लोग उस प्रलोभन से वहां रहते थे. अचानक एक दिन ज्वालामुखी के अन्दर गड़बड़ी पैदा हुई. ज्वालामुखी जरा सक्रिय बना. वहां के रहने वाले वैज्ञानिकों ने निर्णय कर लिया कि इस ज्वालामुखी का विस्फोट बहुत अल्प समय में होने वाला है. इस विस्फोट से भयंकर दुर्घटना होगी. उन्होंने वहां के कलेक्टर को बुला कर के समझाया. वैज्ञानिकों ने कहा :- इस ज्वालामुखी के गर्जन से ऐसा अनुमान होता है, बहुत जल्दी इसका विस्फोट होने वाला है. आप यहां के लोगों को सुरक्षित जगह पर भेज दें, नहीं तो बहुत बड़ा नुकसान होगा. कलेक्टर ने भी निरीक्षण किया, अंग्रेज कलेक्टर था. बहुत बड़े-बड़े पांच स्टीमर उसने कर रखे थे कहा कि यहां से लोगों को बहुत दूर भेज दिया जाए. सारे साधन वहां पर तैयार. लोगों को सायरन बजा करके सावधान किया गया. ऐलान किया गया. पर्चे बांटे गए. माइक से पूरे नगर में यह उद्घोष कर दिया-दो घन्टे के अन्दर यह विस्फोट होने वाला है, उससे पहले सब लोग नगर छोड़ करके चले जाओ, तुम्हारे लिए स्टीमर तैयार हैं, सुरक्षित स्थान पर ले जाएंगे. एक बार ऐलान किया, दो बार ऐलान किया परन्तु लोगों ने ध्यान ही नहीं दिया कि यह तो रोज होता रहता है, गर्जना आज से नहीं बहुत दिनों से सुन रहे हैं, धुआं तो निकलेगा ही ज्वालामुखी है, वहां पर एक बात प्रलोभन रोज की कमाई दीखती थी कि थोडी सी मजदूरी में बहुत बड़ा नफा, इसे छोड़कर कैसे जाएं, प्रलोभन ऐसी चीज होती है उसका परिणाम आज नहीं तो कल भोगना पड़ता है. __परिणाम यह आया, शाम को चार बजे ऐसी भयंकर गर्जना हुई, गर्जना के साथ ज्वालामुखी का ऐसा भयंकर विस्फोट हुआ. सारे नगर में गर्म लावा फैल गया, धुआं छा गया, ऐसी भयंकर गर्मी पैदा हुई, लोगों ने तप करके उस गर्मी में प्राण दे दिये. थोड़े समय बाद दूसरा विस्फोट हुआ रात को आठ बजे रेडियो की न्यूज में आया 75000 आदमियों में से सिर्फ तीन आदमी बचे, बाकी सब साफ. पूरे नगर का सर्वनाश हो गया एक मकान साबूत नहीं रहा, एक व्यक्ति एक पशु पक्षी जीवित नहीं रहा. तीन आदमी जेल के अन्दर कैदी थे. जिन्हें खतरनाक कैदी समझकर अन्डर ग्राउंड में रखा था, वे बच गए. बाकी सब साफ. आचार्य भगवन्तों ने कैसी कृपा दष्टि रख करके यह परिचय दिया I amil 510 For Private And Personal Use Only
SR No.008711
Book TitleGuruvani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1996
Total Pages410
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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