________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
唐
: गुरुवाणी
हुआ. परन्तु इस वर्तमान में मानव शरीर से यदि उसने कुछ लाभ नहीं उठाया तो भविष्य में वह पुनः उसी अन्धकार के गहन गर्त में भटकता रहेगा.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
इस लोक में पदार्पण करने के अनन्तर वह अपने परिवार के भरण-पोषण करने जैसे सामान्य कर्त्तव्यों में ही उलझा रहा और उसने अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिये आत्म-दृष्टि विकसित नहीं की. उस व्यक्ति ने आज तक कभी नहीं सोचा कि मैं कितना मूल्यवान हूं? एवम् किन महान् कार्यों के परिणामस्वरूप ये साधन सुलभ हुए हैं? यदि वर्तमान शून्य रहा तो भविष्य में सृजन होने की कोई संभावना नहीं. विभिन्न धर्मों के सभी धर्माचार्यों ने सर्वप्रथम आत्मा के मूल्य को परखने का उपदेश दिया है. एक बार यदि आपका लक्ष्य आत्मा पर केन्द्रित हो गया और साधना के मूल्य को आप समझ गए तो मग्नता आ जाएगी और सारी साधना सफल हो जाएगी. सारी क्रिया सफल हो जाएगी.
जैन दर्शन की सारी क्रियाएं पूर्णतः वैज्ञानिक हैं. एक-एक शब्द के अन्दर वह परम सत्य छिपा है. जिसकी हमने खोज नहीं की. यदि एक बार भी खोज की गहराई में गए होते और स्वयं को खोकर खोज की होती तो हमारी खोज आज पूरी हो जाती. सामायिक करते समय या परमात्मा का स्मरण करते समय जो एकाग्रता हम में आनी चाहिए थी, उसका अभाव रहा. मग्नता और तादात्म्यता का भाव आना चाहिए तथा उसके साथ एकाकार हो जाना चाहिए, उस स्थिति को लाने के लिए हमनें कभी कोई प्रयास नहीं किया. अभी आपको स्वयं का भी परिचय नहीं और न ही स्वयं की आत्मा के मूल्या परिचय और न आत्म-शक्ति का परिचय है. कदाचित् प्रारब्ध से दो पैसा मिल जाए और कुछ भी न रहते हुए सब कुछ हो जाए तब चित्त में ऐसी प्रसन्नता होगी कि बहुत कुछ कमा लिया और पैदा कर लिया. इस प्रकार का आत्म संतोष आपको मिलेगा. परन्तु सब कुछ कमाने के बाद प्राप्त होने के बाद यदि किसी कारण से शारीरिक व्याधि आ जाए या कोई ऐसा असाध्य कष्ट आ जाए अथवा रोग का आक्रमण हो जाए और डाक्टर आपको सलाह दे कि इसके लिए आपको विदेश जाना पड़ेगा क्योंकि यह बड़ी ख़तरनाक बीमारी है. उसकी शल्य चिकित्सा होगी जिसमें बहुत बड़ा खतरा है. उस समय क्या आप विचार करेंगे कि वर्षों तक पसीना बहा कर यह, अर्जित की गयी सम्पूर्ण सम्पत्ति रोग निदान में ही समाप्त हो जायेगी. आप पैसा बचाएंगे या शरीर बचाएंगे? आपको मालूम है कि विदेश जाएंगे और चिकित्सा कराएंगे तो सभी सम्पत्ति समाप्त हो जायेगी - ऐसी स्थिति में आपका क्या निर्णय होगा ?
आप सत्य ही बोलेंगे कि शरीर बचाएंगे. शरीर है तो पैसे का मूल्य है. पैसे का उपयोग करने वाला भोक्ता तो यह शरीर है. पैसा इतना कीमती नहीं है बल्कि शरीर ज्यादा कीमती है. और यदि मैं आपसे आगे पूछें कि शरीर का मालिक इसका मैनेजिंग डायरेक्टर ट्रांसफर हो जाए तो फिर इस शरीर की क्या कोई कीमत है ? घर में रखना कोई पसन्द नहीं करेगा ? जिस घर का आपने निर्माण किया जिस परिवार को आपने जन्म दिया और जिनका
20
For Private And Personal Use Only
UR