________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी वह हृदय में कभी दर्द पैदा करने में निमित्त रूप न बनें. अन्तर-आत्मा में कभी पीड़ा उत्पन्न न करें इस प्रकार की प्राप्ति करनी है. एक बार यदि इस जीवन का लक्ष्य निश्चित हो गया, कि आत्मा को ही प्राप्त करना है. यह मुख्य विषय, संसार साइड सब्जैक्ट है. जीवन व्यवहार को चलाने के लिए अनिवार्य होना आवश्यक है. यदि यहाँ तक ही दृष्टि रहे तो ठीक है. होता है यह कि संसार को मुख्य लक्ष्य बना लेते हैं. आत्मा को गौण सब्जैक्ट बना लेते हैं. भूल वहां होती हैं हिन्दुस्तान पर एक बार यूनान के बादशाह ने अचानक आक्रमण किया. सिंध के रास्ते से वे गजरात आए. गजरात सौराष्ट्र को बहत लटा, बहत सी सम्पत्ति इकटठी करके वे जाने लगे. जाते समय वे रास्ते में भटक गए और कच्छ के रण में से निकलने के लिए वे आगे बढ़े. बहुत बड़ा रेगिस्तान है. रास्ते मे जहाँ उन्होंने अपना कैम्प लगाया, बहुत बड़ा समुदाय था बहुत विशाल संख्या में आए थे गर्मी के दिन थे माल खजाना बहत था. सैनिकों ने रसोई बनाई भोजन का समय हुआ. जब पानी की खोज की तो आस-पास कोई पानी नहीं था. सारे कैम्प में उदासीनता आ गई. हमारे पास खाने का है, परन्तु पानी हमारे पास नहीं है. अपने नेता के पास गए जो उनका ग्रुप लीडर था. कमाण्डर था, उसने कहा हमारे पास सब कुछ है, सोना चाँदी का ढेर लगा है, बड़े जेवरात भी हैं, परन्तु पानी नहीं है. बहुत विकट समस्या है. उन्हें मालूम नहीं था, पानी कहां मिलेगा? मन में चिन्ता थी अगर अचानक आक्रमण हुआ तो हम मारे जाएंगे. सारी सेना भूख प्यास से तड़पने लगी. भयंकर गर्मी. काफी संख्या में सैनिक मर गए. थोड़े से बचे. वे भी भागे. किसी से प्राण नहीं मिला, सोना चाँदी से प्राण नहीं मिला. उनके पास भौतिक सामग्री की कमी नहीं थी. फिर भी बिना पानी के प्राण चला गया. मुख्य स्थान वहां पर पानी का था, वहां पर धन दौलत की कमी नहीं थी, लडने के साधन की कमी नहीं थी, सब कुछ होते हुए भी उन्हें अपना प्राण देना पड़ा. ___उस क्षेत्र में जो मूल्य पानी का था, हमारे जीवन में वही स्थान धर्म का है. आपके पास साधन हो, बंगले गाड़ी हो, सब कुछ हो. परन्तु संसार के रेगिस्तान में आत्मा को शान्ति देने वाला धर्म आपके पास न हो तो आत्मा प्यास से तड़प कर, मर कर दुर्गति में चली जाएंगी. ___ जीवन तो बिगड़ा हम मौत को भी बिगाड़ लेंगे. सारा जीवन अशान्ति में गया, परन्तु मृत्यु के समय भी आत्मा को शान्ति नहीं मिलेगी. सेनापति ने वहां जबावदेह व्यक्ति को कहा-इसकी सजा तुमको भी दी जाएगी. तुमको इतना भी ज्ञान नहीं था कि सेना के लिए सर्व प्रथम पानी की व्यवस्था करनी चाहिए, तुमने सब इन्तजाम किया, परन्तु पानी नहीं मिला. उसका परिणाम तमको भोगना पड़ेगा. मौत की सजा तुम्हें मिलेगी. यह 445 For Private And Personal Use Only