________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी - JAB यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगा. यह तो स्लो पोयजन है, आपको नशा चढ़ेगा, मैं एम. एम. पी. एच. डी. हूँ. यह उपाधियों का नशा लगता है. उसमें शब्द ज्ञान मिल जायेगा. भौतिक वस्तुओं का परिचय मिल जायेगा, आपको अपनी आत्मा का परिचय नहीं मिलेगा. यह परिचय तो साधु सन्तों के पास, जिनका दीर्घ काल का चिन्तन है, मनन है, उन्हीं के पास मिलेगा. इस ज्ञान बिना कभी स्व. कल्याण नहीं होगा. स्कूलों में भले ही जाये परन्तु यदि बालकों को धार्मिक ज्ञान से वंचित रखा. आत्मिक ज्ञान नहीं दिया, आपके लिये ही समस्या होगी. आज के बच्चे, कल आपके लिए समस्या पैदा करेंगे. उनके नैतिक जीवन का अगर निर्माण नही हुआ तो वे देश को पतन की तरफ ले जायेंगे. आज के बालक ही तो कल के नेता बनेंगे. यदि उनमें आचार की सम्पन्नता नही रही, परिणाम आप जानते हैं सारे राष्ट्र में आज भ्रष्टाचार व्याप्त है. जैसे हमारे पांच महाव्रत होते हैं, जैसे साधुओं के बोधों में उसी प्रकार का रूपक पंचशील है, बराबर पंच महाव्रत का ही एक रूप है, हमारे वैदिक परम्परा मे पांच प्रकार के मात्र नियम हैं, हमारे राष्ट्रीय नेताओं के भी पंच महाकर्तव्य हैं वर्तमान में. गान्धी जी का आशीर्वाद याद है? क्या आशीर्वाद दिया था? वह सत्यनिष्ठ व्यक्ति था. आशीर्वाद फली भूत हो रहा है. उन्होंने कहा-देश आजाद होने के बाद हमारे आजाद देश में कोई नंगा भूखा नहीं रहेगा. बिल्कुल सत्य कह दिया. जरा गहराई में जाकर शब्द का आप्रदान करें तो मालूम पड़ जायेगा. शब्द क्या है? आजादी के बाद इस देश के अन्दर कोई नंगा भूखा नही रहेगा. जो नंगे हैं, बदमाश हैं वे कभी भूखे नहीं रहेंगे आबाद रहेंगे, जो सज्जन हैं, वे भूखे ही मरेंगे. गान्धी जी का यह आशीर्वाद वर्तमान में फलीभूत हो रहा है. नंगे तमाशा देखते हैं, बदमाश लोगों का यही कार्य होता है, कैसे सज्जन को कष्ट पहुंचे. हमारे पांच कर्तव्य भी वही रहे-उद्घाटन, भाषण, आश्वासन, चाटन और देशाटन. केवल पांच कर्तव्य. उद्घाटन करेंगे नौ की लकड़ी नब्बे खर्च. कितना खर्च होता है, देश की व्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचता है परन्तु वह तो वैसे ही है. उद्घाटन करना यह फैशन हो गया उदघाटन हआ. तो भाषण हो गया. भाषण है तो आश्वासन देंगे, नही तो ताली बजेगी नही. आश्वासन मिल गया अपशकुन हो गये, पूजा बहुत भेली है कि नेता जी को प्रसाद चढो. चाटन पार्टी होगी. पेपर में दूसरे दिन पढ़े-देशाटन टूर पर गये थे. चपरासी घुसने भी नहीं देगा. लिखा जायेगा जनसम्पर्क में गये थे. यह आलोचना नहीं सत्य है. गांधी जी ने जो सोचा था कि हमारे देश का राम राज्य कैसा होगा. वह सारी कल्पना आज स्वप्न बन गई. साकार नहीं हुई, अगर गांधी जी होते तो इस बात से बडा कष्ट होता. उन्हीं के अनुयायी उन्हीं को भल गये. गांधी जी की हत्या से बहुत बड़ा नुकसान हुआ. उससे भी बड़ा नुकसान उनके विचारों की हत्या से हुआ. - O 440 For Private And Personal Use Only