________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - गुरुवाणी // महाराज ने कहा-पूरी वफादारी से काम करना. उसने कहा-जरा भी नही चूकूगा. पूरी प्रामाणिकता से इसका पालन करूंगा. बड़ी अच्छी बात है, महाराज ने नियम दे दिया. उसने प्रतिज्ञा की मेरे घर के पड़ोस में एक कुम्हार रहता है, उसके माथे पर टाल पडी है उठते ही वह कुम्हार नजर आता है, उसकी टाल नजर आती है, जब टाल देखूगा तो भोजन तब करूंगा. वहां तक नहीं यह प्रतिज्ञा जब तक वह जीवित है, और घर के पास है, वहां तक मेरा नियम है. महाराज ने प्रतिज्ञा दे दी. वह सुबह उठता और उसकी टाल देखता, टाल देखकर के आता और चाय पानी पीता. सावन भाद्रपद का महीना, पूरा आकाश बादलों से घिरा मे जगा हुआ था, वह सो गया. कुम्हार खेत में मिटटी लेने गया. सुबह के समय उठा और बाहर देखा, गया भी नहीं और कुम्हार भी नहीं. विचार में पड़ गया. घन्टा निकल गया, बिना चाय बीड़ी के बेचैन हो गया. घरवाली से पूछा-क्या बात है? वह कब आयेगा. कब लौटेगा? अरे सेठ साहब-मुझे क्या मालूम? कब लौटेगा? 12 बजे आये, शाम को भी. बरसात का मौसम है, मिट्टी लेने गया, आप तो जानते हैं, हमारा तो धन्धा यही है, एक दम विचार मे पड़ गया, तब तो उपवास हो जायेगा. उसने कहा-और क्या उपाय है? तुम उस खेत को जानती हो? जिस खेत में गया है, ___ उसने कहा-उस खेत मे गया है, आप वहां जाकर मिल सकते हो. उस जमाने में आप जानते हैं? घोड़ियां ज्यादा थी घोड़ी पर बैठा, सवार हुआ खेत में पहुंचा, पन्द्रह बीस दिन नियम को लिये हुए मन में अब यही सोचता है, मैंने तो फिजूल नियम लिया, बेकार मैं हैरान हो रहा हूँ, लिया है तो पालन तो करना पड़ेगा, नियम से वफादारी चाहिए. घोड़ी पर सवार होकर जहां कुम्हार खड्डा खोद रहा था, एकान्त स्थान था, वहां उसका पुण्य उदय और नीचे से सोने के इतने सारे सामान मिले, मुझे इतना सोना मिले, किसी समय कोई व्यक्ति इसमें गाड़ा हो या तो चोरी का माल होगा. गाड़ा हुआ. अब वह कुम्हार तो आश्चर्य मे पड़ गया. ___ मेरे तो जीवन की सारी दरिद्रता मिट गई. अब ये हजरत घोड़े पर आ रहे थे, बादलों की धूप थी. और धूप में जैसे चलते चमका और एकदम खुशी में आ गया. देखा विचारा देख लिया. इसके कान मे आया, यह वणिक पत्र है. गांव मे ढोल पीटेगा. मै पकडा जाऊंगा. माल को राजा ले जायेगा और सारी मेहनत पर पानी फिर जायेगा. बडा गजब हो गया और यह चिल्लाने वाला व्यक्ति गांव मे ढोल पीटे रहेगा नहीं. उसने जोर से आवाज दी जाते कहां हो? यहां आआ अपने आधा-आधा कर लेंगे. चिल्लाता काहे को है? देख लिया तो देख लिया. यहां दो के सिवाय तीसरा कोई नहीं. आप जानते हैं वणिक पुत्र के कान तेज होते हैं इशारे में समझ लिया. कोई माल मालिक है. जैसे ही वहां पर आया और देखा सोने से भरा हुआ माल का थाल, सोना भरी हुई, - 387 For Private And Personal Use Only