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गुरुवाणी:
__मैने कलेक्टर को बताया. काफी मुसलमान भाई वहां आते हैं, प्रवचन में आते हैं. उनके हृदय में एक ऐसा सद्भाव उत्पन्न हुआ. मैंने उनको समझाया. मैंने कहा-मेरी यह भावना है, आपका सहयोग चाहिये. __ महाराज. उस बात को बारह वर्ष निकल गये. एक छोटी सी बात को लेकर ये सारा झमेला खड़ा हुआ. आपका आदेश है तो हमारे मुसलमान समाज का पूरा सहयोग मिलेगा. मैंने कलेक्टर को बुलाकर बात की. ___कलक्टर ने कहा-आपका कहना सही है. आपकी जवाबदारी पर आप निकाल सकते है. हमारी कोई जवाबदारी नहीं रहेगी. ___ मैंने कहा-मुझे आपकी एक पुलिस या उसकी बन्दूक नहीं चाहिए. मेरा यह पहला प्रोग्राम है. मैं करके देख लं. सारा विवाद का प्रसंग था. हमने उसे संवाद का रूप दिया. आपस में मिलकर बैठे. मुसलमान भाइयों ने कहा-साहब आप क्यों डरते हैं. हम लोग आपके जुलूस के साथ आयेंगे. हम से कम मुसलमान महावीर जयन्ती के जुलूस में नहीं थे. पूरा हिन्दू समाज, जैन समाज साथ में था. हमारी संख्या तो वहां सामान्य है. करीब 180 घर हैं परन्तु विचार करिये, नहीं घटने जैसी घटना वहां बन गई.
ऐसा अपूर्व प्रेम का प्रसंग लोगों ने देखा, उसके बाद से द्वार खुल गया. दोनों को समझाया कि एक दूसरे की भावना का आदर करो, यह प्रार्थना स्थल है. परमात्मा को याद करने के द्वार हैं, मन्दिर हो या मस्जिद हो. ऐसा तनाव नहीं होना चाहिये. आज तक वह परम्परा वहां कायम है, नहीं तो वो विवाद बना रहता, न जाने कब कितना संघर्ष पैदा करता, एक छोटी सी बात को इतना बड़ा रूप दे दिया गया.
पिता पत्र या परिवार में भी यही होता है, जरा सा प्रसंग होता है, उसे हम इतना बड़ा बना लेते हैं जो संघर्ष का कारण बनता है. परिवार बरबाद हो जाता है इसीलिए सूत्रधार ने कहा-विवाद नहीं संवाद चाहिए.
___ "प्रस्तावे मितभाषित्वम अविसंवादम तथा" विसंवाद नहीं, संवाद चाहिए आगे चलकर सूत्रकार ने जीवन के व्यवहार की जो बड़ी मुख्य बात है, जो हमारे प्रतिदिन की घटना है, जो क्रिया प्रतिदिन हम करते हैं, उस विषय की जानकारी दी.
प्रतिपूर्ण क्रियाचेति कुलधर्मानुपालनम् थोड़ा विश्वास रह गया था उसे आज पूर्ण कर ले सूत्रकार ने बड़ी सुन्दर बात बतलाई. जीवन व्यवहार में ठीक है, खाते हैं, पीते हैं, परिवार में रहते हैं, और सब बातों का परिचय तो सामान्य रूप से दे दिया परन्तु जीवन व्यवहार से प्रतिदिन धर्म क्रिया हम करते हैं वह भी हमारे जीवन का बड़ा सुन्दर नैतिक दृष्टि से व्यवहार है. उस व्यवहार का पालन किस प्रकार करना है.
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