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-गुरुवाणी
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अन्दर, प्रमाद अवस्था के अन्दर की शून्यता और विवेक के अभाव में हम समय के मूल्य को नहीं समझ पाए.
हर व्यक्ति हाथ में घड़ी रखता है. यह आज का मॉडर्न फैशन है. आपके जीवन की दुर्दशा को देखकर आपकी घड़ी रोती है, आपने कभी इसका रुदन सुना नही. प्रतिक्षण एक प्रकार की आवाज निकलती है. आपने सुना होगा. कभी ध्यान से आप सनना. कट-कट, कट-कट हमेशा चला करती है. उस आवाज के अंदर घड़ी के जीवन का एक दर्द छिपा है. आपके जीवन को देखकर के उसका एक रुदन है. वह पुकार कर के आपको कहती है. आपके साथ रह कर पुकारती है. क्या? जीवन वृक्ष आपका प्रतिक्षण प्रति सेकेंड कट रहा है. कट-कट् शब्द की जो प्रतिध्वनि है. यदि आप गहराई में जाकर देखें, आपकी चेतना को जागृत करती है. तुम्हारा प्रतिक्षण जीवन वृक्ष कट रहा है. याद रखो, यह सारा जीवन एक दिन कट कर के समाप्त जाएगा.
हमने क्या प्राप्त किया, घड़ी की उस पुकार को हमने सुना ही नहीं. घड़ी आपको जागृत करती है. बताती है एक बजाकर. एकोअहं बहुत स्पष्ट कहती है.
एकोहमेकश्चितं नास्ति नाहं अन्यस्य कस्ययचित्। घड़ी की पुकार को आप सुनिए. आपका रह रह करके बहुत बड़ा उपकार करती है. आपको जगाती है. एक बजाकर के स्पष्ट कहती है, संसार में अकेले आए, कोई साथ नही.
“मरघट तक के लोग बराती, हंस अकेला जाता" ये बाराती आपको श्मशान तक पहुंचाने आएंगे. वहां से साथ छोड़ देंगे अन्तिम विदाई दे कर के. आपको स्वयं अकेला जाना पड़ेगा. कोई साथी नही मिलेगा. ऐसी परिस्थिति में घड़ी बार-बार आपको जगाती है. बताती है तुम अकेले आए कोई तुम्हें साथ देने वाला नही. आप जागृत बने रहें. संसार में रहने की कला प्राप्त करें.
जैन इतिहास के अंदर एक बड़ी सुन्दर कथा आती है. मिथिला के एक बहुत बड़े सम्राट् थे. नेमिराज ऋषि बहुत बड़े सम्राट् थे. कोई कमी नहीं थी. आठ-आठ रानियां थी वहां. उनकी सेवा में, किसी कारण को लेकर एक ऐसी असाध्य बीमारी उनमें आई. दाह-ज्वर! जिसे विषमज्वर कहा जाता है. शरीर एकदम गर्म हो गया. बहुत उपचार किया गया. बुखार शान्त नहीं होता. व्याकुल हो गए. एक बहुत समझदार वैद्य ने उपचार बतलाया. यदि शीतोपचार किया जाए, गोशीर्ष चन्दन का यदि विलेपन किया जाए. तो यह दाहज्वर शान्त हो सकता है. आपको समाधि मिल सकती है.
राजा की आठों रानियां सेवा में लग गईं. गोशीर्ष चन्दन मंगवा कर के उसे विलेपन के लिए घिसना शुरू कर दिया. जहां राजा सोए हुए थे, पास में ही चन्दन घिसा जा रहा था. पूरे शरीर के अन्दर विलेपन लगाना था. आठों रानियों ने चन्दन घोटना शुरू कर दिया. हाथ की चूड़ियां आवाज करने लग गईं. ध्वनि प्रकट होने लग गई. बीमार
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