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• Prasad Manjari * पीठ प्रकार-पहेले
पीठ प्रकार-दुसरे
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3+रीजाबी-बी.---.1540-रया ।
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बो-al-BN-TAN
भाग वृक्षार्णव अ०१७
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अमावर.ओ. madam
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बाबामामा
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-कापी..
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महापीठ-वृक्षार्णव
कर्मपीठ सामान्य प्रासादों में होता है सांधार प्रासादों के महापोठ होता है। और निरंधार प्रासादके लिये प्रायः कामद पीठ एवं सामान्य प्रासाद अथवा एक पंक्ति वाले विशेष मदिर यथा बावन जिनालय सहन लिङ्गको देरियाँ और चौसठ योगिनी की पंक्तिबद्ध देरियाँ के लिये कर्ण पीठ अल्पमानका करने में कोई दोष नहीं है। उपरोक्त प्रमाणका दरिकाधीशके जगन्मदिरमें मिलता है।