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________________ * प्रासादमञ्जरी * 30 मध्यमान में है (चतुथांश) भाग जोडने से ज्येष्ठ मान और है घटाने से कनिष्ठ मान जानना चाहिये। - मा अपार अनिता in पधिया वत्र दिवसा आसमानीवा /वायची الحجيجيم Sunitamnnel । जथा श्यामपन -दक्षिण Addena सर शुक्ता रिसर्ण + 53 मध्यपशिला का भद्रा -पूर्वभको पीतवर्ण सौभागिनी शाय प्रमाकरी . शिNAAND कूर्मशिला या अष्टशिला शिलारोपण विधि :-सुवर्ण या चांदीके कूर्म (तथा शिला)को पंचामृत से स्नान दिशा शिलाका अष्टशिलामे | शिलाका || दिशा | शिलाका अष्ट शिलाशिलाका विदिशा| नाम | चिह्न वस्त्र वर्ण | विदिशा नाम | चिह्न वन वर्ण पूर्व | नंदा , वज्र | पीत पश्चिम | अजिता | पाश | पांड आग्नि | भद्रा ! सरवा | रक्त वायव्य अपखजीता ध्वजा प्रवेत दक्षिण | जया | दंड श्यामजेसे ।। उत्तर | शुक्ला , गदा हालीला नेरुत्य | रिक्त | खड्ग | आसमानी | | इशान | सौभागिनो त्रिशूल | श्वेत मध्यकी शिला-धरणी नाम नवचित-रक्त वर्ण वस्त्रका.
SR No.008427
Book TitlePrasad Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherBalwantrai Sompura
Publication Year1965
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size5 MB
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