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________________ क्रम विषय ५० शिखरको मूल कर्ण (पायचे १० भाग करके स्कंधे छ भाग रखना ५१ सवाया शिखर के लिये चतुर्गुणी कामडी रखना ५२ रेखा सूत्र ५३ आमल सारा प्रमाण विभाग ५४ मूल शिखरका उपाङ्ग वालंजर ५५ शुकनाश शिखरेदिय से शुकनाशविभाग ५६ श्रृङ्ग ऊरुशृङ्ग एवं प्रत्याङ्ग की गणना अंडक श्रृङ्गमें होती है तव तिलक ये ५७ आमलसारा विस्तार मान में सुवर्ण का प्रासाद पुरुषकी स्थापना ५८ ध्वजाधार - ध्वजा खडे रखने का कलाबा किधर रखना ५९ कलश इंडाका मान श्लोक पत्र संख्या संख्या क्रम ८५ १२ ६० ध्वजादंड मान प्रमाण दंडका स्वरुप काष्ट ८६ ८७ ८८-८९ ९० ९१ प्रासाद का भूषणरुप हे ९२-९३ १३ ९४ ९५ प्रमाण एव विभाग ९५ - ९८ १२ १२ १२ १३ १३ १३ १३ १३ २४ १३ विषय मर्कटि पाटलीका प्रमाण दंड सुशोभन पताका प्रमाण ६१ ध्वजा हीन देव प्रतिष्ठा रहित प्रासाद रखने से दोष ६२ अथ प्रासाद वैराग्यादि प्रासाद का स्वरुप नंदन प्रासाद तश्रृङ्ग सांधार प्रा साद की भ्रमभिति प्रमाण ६३ केशरादि विभक्ति १ केशरी प्रासाद अष्ठाई तल ६४ विभक्ति ( २ ) दशाइ तल सर्वतोभद्र प्रा श्लोक पत्र संख्या संख्या ९९-१०३ ६५ विभक्ति ३ बाराइ मंदिर प्रा० ६ ६६ विभक्ति ४ चौदा १०५-६-७ १०४ १४ १०८ १४ साद (२) नंदन प्रा०३ नंदिशालि प्रा० नंदिश प्रा० ५ ११०-११ १५ ४ ११२ तल श्री वृक्षा प्रा०७ अमृतोद्भव प्रा० ८ ११३-१४ हेमवान प्रा० ९ हेमकूट प्रा० १० ११५ कैलास प्रा० ११ पृथ्वीजय प्रा० १२ ११६ ६७ विभक्ति ५ सोलाइ १५ १०९ १५ 7 १५ १५ १६ १६ १६ तल इंद्रनील ११७-१८ १६
SR No.008427
Book TitlePrasad Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherBalwantrai Sompura
Publication Year1965
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size5 MB
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