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श्लोक पत्र
श्लोक पत्र क्रम विषय संख्या संख्या क्रम विषय संख्या संख्या २५ जगत्योदय मान प्रमाण ४० ६ ३५ प्रासाद उदयमान । २६ जगती का उदयमें
(उभणी) ६१-६२ ९ दिक्पालका स्वरुप
३६ मंडावर १४४ भागका ६३-६५ ९ प्रनाल प्राकार किल्ला
३७ सांधार निरंधार प्रासाद्वार मंडप तोर
____दका भित्तिमान ६६-६७ १० ___णादि करना ४१-४३ ६ ३८ गर्भगृह स्वरुप .६८ १० २७ देव वाहन स्थान
३९ मंडोवर ओर स्तंभ का अंतर
छोडकी समसूत्रता ६९ २८ ज़िन प्रासाद रचना
४० गर्भगृहोदय स्तंभ समवसरण गुढ मंडप
छोड विभाग ७०-७१ १० चोविश बावन बहातेर
४१ द्वार मान प्रमाण जिनालय अष्टापद
(नागरादि) ७२-७३ १० त्रिशाला बलाणक ४५-४७ ७ ४२ त्रिपंच सप्त नव २९ नाभिवेध अन्य देव
शाख क्या देवके लिये प्रासादोका निर्माण
बनानी शाखा परिकर करने में नाभिवेध त
युक्त बनानी प्रतिहार जनाओर दोष पर्याय ४८-४९ ७ द्वारपाल प्रमाण ७४-७६ ११ ३० प्रनाल विचार उत्तर
४३ उदम्बर शंखोद्वार ७७-७८ ११ या पूर्व दिशामे प्रनाल
४४ कौली कपिली ७९ ११ रखनी मयमत ५०-५१ ८ ४५ शिखर श्रृङ्गो पर ३१ अथ पंचदेव आयतन
श्रङ्ग चढानेकी विधि की रचना १ सूर्य २
४६ अङ्ग सवाइ प्रमाणका गणेश ३ विष्णु ४ चंडी
बनाना
८२ १२ ५ शिव आयतनकी
४७ मूल कर्ण पायचा रचनाका तल दर्शन ५२-५४ ८ गर्भगृहसे थोडा ३२ त्रिदेव स्थापन क्रम
विस्तीर्ण रखना ८२-८३ १२ एवं उदयमान ५५ ८ ४८ भद्र पर उरुश्रृङ्ग ३३ अथभिट्ट मान ५६ ९ १ से ९ तकचढाना ८४ १२ ३४ पीठमान एवं महा
४९ पहेले से दुसरा उरुपीठका थर विभाग ५७-६० ९ श्रृङ्ग उदयका प्रमाण ८४ १२