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* प्रासादमञ्जरी *
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अशोकर ओस्यकि.
२ समतल अर्थात सीधी छत-छतियासे ढकाती छत ये "समतल" यह छातीया सादा हो या पदकी आकृति जैसा उत्कीर्ण हो ।
३ उदित अर्थात् गुम्बजका कोल गवालुका थरो एक से एक संकिर्ण संकोची संक्षिप्त करके आच्छादित करके ढकनेकी रीति “ उदित " नामक कहाता है । बीचका झुमर जैसा विभाग पद्मशिला कहा जाता है ।