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सुभेद्र
32 स्तंभ
fem फोली
हर्षण
२२स्तंभ
N
१२
शत्रुमर्दन ३धरतम
भामेद्र
उघ स्तंभ
मानव २८स्तंभ
* Prasad Manjari
फॉलो
सिंहक
જેસંગ
पुष्य काहि मण्डपो.
३३
સુક્ષ્મણ
३६ स्तंभ
सुग्रीव રઘસ
३० नदन
३०स्तंभ
*
कौली
મ पदाधिक
३८ संभ
तेर कणिकार
२० स्तंभ
विभाज भद्र
२६ स्तंभ
११
भूजय ३२संभ
ta
विशालाक्ष
३८स्तंभ
८१
રોહર છેશે. રુચી
शुरु हुई। वितान - घुमट विचित्र प्रकारके अनेक कहे हैं। इनमें से तीन प्रमुख हैं । प्रथम क्षिप्तक्षिप्त, दुसरा समतल, तीसरा उदित इस क्रमसे मुख्य समजना |
१ क्षिप्तरक्षिप्त अर्थात् गुम्बजका थरो कोल गवालु उपर चढके नीचे उतरकर फिर वापिस उपर चढता है । इसी रीतसे गुम्बज आच्छादित होते हैं उसका नाम ' क्षिप्त-उक्षिप्त " |
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