SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 204
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates कहानजैनशास्त्रमाला] नवपदार्थपूर्वक-मोक्षमार्गप्रपंचवर्णन [१७५ सुरनरनारकतिर्यचो वर्णरसस्पर्शगंधशब्दज्ञाः। जलचरस्थलचरखचरा बलिन: पंचेन्द्रिया जीवाः।। ११७ ।। पञ्चेन्द्रियप्रकारसूचनेयम्। अथ स्पर्शनरसनघ्राणचक्षुःश्रोत्रेन्द्रियावरणक्षयोपशमात् नोइन्द्रियावरणोदये सति स्पर्शरसगंधवर्णशब्दानां परिच्छेत्तार: पंचेन्द्रिया अमनस्काः। केचित्तु नोइन्द्रियावरणस्यापि क्षयोप-शमात् समनस्काश्च भवन्ति। तत्र देवमनुष्यनारकाः समनस्का एव , तिर्यंच उभयजातीया इति।।१७।। देवा चउण्णिकाया मणुया पुण कम्मभोगभूमीया। तिरिया बहुप्पयारा णेरइया पुढविभेयगदा।।११८ ।। देवाश्चतुर्णिकायाः मनुजा: पुन: कर्मभोगभूमिजाः। तिर्यंच: बहुप्रकारा: नारका: पृथिवीभेदगताः।। ११८ ।। गाथा ११७ अन्वयार्थ:- [वर्णरसस्पर्शगंधशब्दज्ञाः ] वर्ण, रस, स्पर्श, गन्ध और शब्दको जाननेवाले [ सुरनरनारकतिर्यंञ्चः ] देव-मनुष्य-नारक-तिर्यंच-[ जलचरस्थलचरखचराः ] जो जलचर, स्थलचर, खेचर होते हैं वे -[ बलिनः पंचेन्द्रियाः जीवाः ] बलवान पंचेन्द्रिय जीव हैं। टीकाः- यह, पंचेन्द्रिय जीवोंके प्रकारकी सूचना है। स्पर्शनेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय, घ्राणेन्द्रिय, चक्षुरिन्द्रिय और श्रोत्रेन्द्रियके आवरणके क्षयोपशमके कारण, मनके आवरणका उदय होनेसे, स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण और शब्दको जाननेवाले जीव मनरहित पंचेन्द्रिय जीव हैं; कतिपय [ पंचेन्द्रिय जीव] तो, उन्हें मनके आवरणका भी क्षयोपशम होनेसे , मनसहित [ पंचेन्द्रिय जीव ] होते हैं। ___ उनमें, देव , मनुष्य और नारकी मनसहित ही होते हैं; तिर्यंच दोनों जातिके [अर्थात् मनरहित तथा मनसहित ] होते हैं।। ११७ ।। गाथा ११८ अन्वयार्थ:- [ देवाः चतुर्णिकायाः ] देवोंके चार निकाय हैं, [ मनुजाः कर्मभोग नर कर्मभूमिज भोगभूमिज, देव चार प्रकारना, तिर्यंच बहुविध , नारकोना पृथ्वीगत भेदो कह्या। ११८ । Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com
SR No.008395
Book TitlePunchaastikaai Sangrah
Original Sutra AuthorKundkundacharya
Author
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year2008
Total Pages293
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy