SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 108
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates कहानजैनशास्त्रमाला] षड्द्रव्य-पंचास्तिकायवर्णन [७९ दंसणमवि चक्खुजुदं अचक्खुजुदमवि य ओहिणा सहियं। अणिधणमणंतविसयं केवलियं चावि पण्णत्तं ।। ४२।। - - - - - - जो ज्ञान घटपटादि ज्ञेय पदार्थोंका अवलम्बन लेकर उत्पन्न नहीं होता वह केवलज्ञान है। वह श्रुतज्ञानस्वरूप भी नहीं है। यद्यपि दिव्यध्वनिकालमें उसके आधारसे गणधरदेव आदिको श्रुतज्ञान परिणमित होता है तथापि वह श्रुतज्ञान गणधरदेव आदिको ही होता है, केवलीभगवन्तोंको तो केवलज्ञान ही होता है। पुनश्च, केवलीभगवन्तोंको श्रुतज्ञान नहीं है इतना ही नहीं, किन्तु उन्हें ज्ञान-अज्ञान भी नहीं है अर्थात् उन्हें किसी विषयका ज्ञान तथा किसी विषयका अज्ञान हो ऐसा भी नहीं है - सर्व विषयोंका ज्ञान ही होता है; अथवा, उन्हें मति-ज्ञानादि अनेक भेदवाला ज्ञान नहीं है – एक केवलज्ञान ही है। यहाँ जो पाँच ज्ञानोंका वर्णन किया गया है वह व्यवहारसे किया गया है। निश्चयसे तो बादल रहित सूर्यकी भाँति आत्मा अखण्ड-एक-ज्ञान-प्रतिभासमय ही है। अब अज्ञानत्रयके सम्बन्धमें कहते हैं : मिथ्यात्व द्वारा अर्थात् भाव-आवरण द्वारा अज्ञान [-कुमतिज्ञान, कुश्रुतज्ञान तथा विभंगज्ञान ] और अविरतिभाव होता है तथा ज्ञेयका अवलम्बन लेनेसे [-ज्ञेय सम्बन्धी विचार अथवा ज्ञान करनेसे ] उस-उस काल दुःनय और दुःप्रमाण होते हैं। [ मिथ्यादर्शनके सद्भावमें वर्तता हुआ मतिज्ञान वह कुमतिज्ञान है, श्रुतज्ञान वह कुश्रुतज्ञान है, अवधिज्ञान वह विभंगज्ञान है; उसके सद्भावमें वर्तते हुए नय वे दुःनय हैं और प्रमाण वह दुःप्रमाण है।] इसलिये ऐसा भावार्थ समझना चाहिये कि निर्विकार शुद्ध आत्माकी अनुभूतिस्वरूप निश्चय सम्यक्त्व उपादेयहै। इस प्रकार ज्ञानोपयोगका वर्णन किया गया।। ४१।। दर्शन तणा चक्षु-अचक्षुरूप, अवधिरूप ने निःसीमविषय अनिधन केवळरूप भेद कहेल छ। ४२। Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com
SR No.008395
Book TitlePunchaastikaai Sangrah
Original Sutra AuthorKundkundacharya
Author
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year2008
Total Pages293
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy