________________
Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates
परमार्थ-प्रतिक्रमण अधिकार
१४८
नाहं मार्गणास्थानानि नाहं गुणस्थानानि जीवस्थानानि न। कर्ता न हि कारयिता अनुमंता नैव कर्तृणाम्।। ७८ ।। नाहं वालो वृद्धो न चैव तरुणो न कारणं तेषाम्। कर्ता न हि कारयिता अनुमंता नैव कर्तृणाम्।। ७९ ।। नाहं रागो द्वेषो न चैव मोहो न कारणं तेषाम्। कर्ता न हि कारयिता अनुमंता नैव कर्तृणाम्।। ८० ।। नाहं क्रोधो मानो न चैव माया न भवामि लोभोऽहम्। कर्ता न हि कारयिता अनुमंता नैव कर्तृणाम्।। ८१ ।। नाहं नारकभावस्तिर्यङ्मानुषदेवपर्यायः। कर्ता न हि कारयिता अनुमंता नैव कर्तृणाम्।। ७७ ।।
अन्वयार्थ:-[ अहं] मैं [नारकभावः] नारकपर्याय, [ तिर्यङ्मानुषदेवपर्यायः ] तिर्यंचपर्याय, मनुष्यपर्याय अथवा देवपर्याय [न] नहीं हूँ; [कर्ता न हि कारयिता] उनका ( मैं ) कर्ता नहीं हूँ, कारयिता (–करनेवाला) नहीं हूँ, [ कर्तृणाम् अनुमंता न एव ] कर्ताका अनुमोदक नहीं हूँ।
[अहं मार्गणास्थानानि न ] मैं मार्गणास्थान नहीं हूँ, [अहं ] मैं [ गुणस्थानानि] गुणस्थान [वा] अथवा [ जीवस्थानानि] जीवस्थान [न] नहीं हूँ; [कर्ता न हि कारयिता] उनका मैं कर्ता नहीं हूँ, कारयिता नहीं हूँ, [ कर्तृणाम् अनुमंता न एव ] कर्ता का अनुमोदक नहीं हूँ।
[न अहं बालः वृद्धः ] मैं बाल नहीं हूँ, वृद्ध नहीं हूँ, [ न च एव तरुणः] तथा तरुण नहीं हूँ; [ तेषां कारणं न] उनका (मैं) कारण नहीं हूँ; [कर्ता न हि कारयिता] उनका (मैं) कर्ता नहीं हूँ, कारयिता नहीं हूँ, [ कर्तृणाम् अनुमंता न एव ] कर्ता का अनुमोदक नहीं
[न अहं रागः द्वेषः ] मैं राग नहीं हूँ, द्वेष नहीं हूँ, [ न च एव मोहः ] तथा मोह नहीं हूँ; [ तेषां कारणं न] उनका (मैं) कारण नहीं हूँ; [कर्ता न हि कारयिता] उनका ( मैं ) कर्ता नहीं हूँ, कारयिता नहीं हूँ, [ कर्तृणाम् अनुमंता न एव ] कर्ताका अनुमोदक नहीं
[न अहं क्रोधः मानः ] मैं क्रोध नहीं हूँ, मान नहीं हूँ, [न च एव अहं माया ] तथा मैं माया नहीं हूँ, [ लोभः न भवामि] लोभ नहीं हूँ; [कर्ता न हि कारयिता] उनका ( मैं ) कर्ता नहीं हूँ, कारयिता नहीं हूँ, [ कर्तृणाम् अनुमंता न एव ] कर्ताका अनुमोदक नहीं हूँ।
Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com