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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates शुद्धभाव अधिकार चतुर्णां विभावस्वभावानां स्वरूपकथनद्वारेण पंचमभावस्वरूपाख्यानमेतत्। कर्मणां क्षये भवः क्षायिकभावः। कर्मणां क्षयोपशमे भवः क्षायोपशमिकभावः। कर्मणामुदये भवः औदयिकभावः। कर्मणामुपशमे भवः औपशमिक भावः। सकलकर्मोपाधिविनिर्मुक्तः परिणामे भवः पारिणामिकभावः। एषु पंचसु तावदौपशमिकभावो द्विविधः, क्षायिकभावश्च नवविधः, क्षायोपशमिकभावोऽष्टादशभेदः, औदयिकभाव एकविंशतिभेदः, पारिणामिकभावस्त्रिभेदः। अथौपशमिकभावस्य उपशमसम्यक्त्वम् उपशमचारित्रम् च। क्षायिकभावस्य क्षायिकसम्यक्त्वं, यथाख्यातचारित्रं, केवलज्ञानं केवलदर्शनं च, अन्तरायकर्मक्षयसमुपजनितदान-लाभभोगोपभोगवीर्याणि चेति। क्षायोपशमिकभावस्य मतिश्रुतावधिमनःपर्ययज्ञानानि चत्वारि, कुमतिकुश्रुतविभंगभेदादज्ञानानि त्रीणि, टीका:-चार विभावस्वभावोंके स्वरूपकथन द्वारा पंचमभावके स्वरूपका यह कथन *कर्मोंके क्षयसे जो भाव हो वह क्षायिकभाव है। कर्मोंके क्षयोपशमे जो भाव हो वह क्षायोपशमिकभाव है। कर्मोंके उदयसे जो भाव हो वह औदयिकभाव है। कर्मोंके उपशमसे जो भाव हो वह औपशमिकभाव है। सकल कर्मोंपाधिसे विमुक्त ऐसा, परिणामसे जो भाव हो वह पारिणामिकभाव है। इन पाँच भावोंमें, औपशमिकभावके दो भेद हैं, क्षायिकभावके नौ भेद हैं, क्षायोपशमिकभावके अठारह भेद हैं, औदयिकभावके इक्कीस भेद हैं, पारिणामिकभावके तीन भेद हैं। अब, औपशमिकभावके दो भेद इसप्रकार हैं: उपशमसम्यक्त्व और उपशमचारित्र। क्षायिकभावके नौ भेद इसप्रकार हैं: क्षायिकसम्यकत्व, यथाख्यातचारित्र, केवलज्ञान और केवलदर्शन, तथा अंतरायकर्मके क्षयजनित दान, लाभ, भोग, उपभोग और वीर्य। क्षायोपशमिकभावके अठारह भेद इसप्रकार हैं: मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान और मनःपर्ययज्ञान ऐसे ज्ञान चार; कुमतिज्ञान, कुश्रुतज्ञान और विभंगज्ञान भेदोंके कारण अज्ञान तीन; *कर्मोंके क्षयसे = कर्मोंके क्षयमें; कर्म क्षयके सद्भावमें। [ व्यवहारसे कर्म क्षयकी अपेक्षा जीवके जिस भावमें आये वह क्षायिकभाव है।] Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com
SR No.008273
Book TitleNiyamsara
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorHimmatlal Jethalal Shah
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages400
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size2 MB
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