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________________ श्रमण भगवान् महावीर श्रावस्ती से कोशाम्बी, वाराणसी, राजगृह, मिथिला, आदि नगरों में घूमते हुए भगवान् वैशाली पधारे और ग्यारहवाँ वर्षावास वैशाली में किया । वैशाली के बाहर काममहावन नामके उद्यान और इसी नाम का एक चैत्य था । भगवान् चातुर्मासिक तप कर उसी कामवन चैत्य में ठहरे । ४० वैशाली का भूतपूर्व नगरसेठ प्रतिदिन भगवान् को वन्दन करने जाता और आहार- पानी के लिये प्रार्थना करता था परन्तु भगवान् बस्ती में नहीं जाते थे । सेठ ने सोचा भगवान् को मासिक तप होगा । महीना पूरा होने पर पधारेंगे । मास की समाप्ति पर उसने विशेष प्रार्थना की पर भगवान् नहीं पधारे । तब सेठ ने द्विमासक्षपण की कल्पना की और दूसरे मास के अन्त में त्रिमासिक की । भगवान् तीसरे महीने की समाप्ति पर भी भिक्षाचार्य के लिए नहीं निकले । तब उसने निश्चय किया कि आपने चतुर्मासक्षपण किया है । चातुर्मास्य के अन्त में उसने आग्रह और विनयपूर्वक प्रार्थना की और घर जाकर भगवान् की राह देखने लगा । मध्याह्न समय हुआ तब भगवान् भिक्षा के लिये कामवन से निकले और पिण्डैषणा (भिक्षाचर्या) के नियमानुसार बस्ती में फिरते हुए आपने एक गृहस्थ के घर में प्रवेश किया । भगवान् को देख कर गृहस्वामी ने दासी से संकेत किया— जो कुछ तैयार हो, इन्हें दे दो । दासी ने जो कुछ रूखा-सूखा हाथ लगा वह लाकर भगवान् के हाथों में रख दिया । भगवान् ने उसी से चातुर्मासिक तप का पारणा किया । वृद्ध भक्त सेठ ने जब सुना कि भगवान् ने अन्यत्र पारणा कर लिया है तो वह बहुत निराश हुआ और पूरण सेठ के, जिसके यहाँ भगवान् ने आहार किया था, भाग्य की प्रशंसा की । चातुर्मास्य पूरा होने पर भगवान् ने वैशाली से सूसुमारपुर की तरफ विहार किया । १२. बारहवाँ वर्ष (वि० पू० ५०१ - ५००) सूसुमारपुर के परिसर में आप अशोक वृक्ष के नीचे कायोत्सर्ग में खड़े थे । यहीं पर चमरेन्द्र ने इन्द्र के वज्र प्रहार से भयभीत होकर आपके चरणों में शरण ली । यहाँ से भगवान् भोगपुर तथा नन्दीग्राम होते हुए मेंढियगाँव Jain Education International For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.008068
Book TitleShraman Bhagvana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year2002
Total Pages465
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Philosophy
File Size8 MB
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