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चौतीसवाँ वर्ष १७६, पंचास्तिकाय के विषय में अन्य तीथिकों का ऊहापोह १७७-१७८, कालोदायी का महावीर के साथ संवाद और प्रव्रज्या १७८, इन्द्रभूति गौतम और पार्श्वापत्य उदकपेढाल का संवाद १७८-१८५, अनगारों का विपुलाचल पर अनशन १८५ ।
पैंतीसवाँ वर्ष १८५, वाणिज्यग्राम में सुदर्शन श्रेष्ठी की प्रव्रज्या १८५- १८७, श्रमणोपासक आनन्द का अवधिज्ञान और गौतम का मिथ्या दुष्कृत १८७-१८८ ।
छत्तीसवाँ वर्ष १८८, साकेत नगर में कोटिवर्ष के किरातराज की निर्ग्रन्थप्रव्रज्या १८८ - १९०, कांपिल्य आदि में विहार १९० ।
सैंतीसवाँ वर्ष १९०, अन्यतीर्थिकों के आक्षेपक प्रश्न १९१ - १९३, अनगार कालोदायी के प्रश्न १९३ । (१) अशुभ कर्म-करण विषय में १९३, (२) अग्निकाय के आरंभ के १९४ - १९५, और (३) अचित्त पुद्गलों के प्रकाश के विषय में १९५ ।
अड़तीसवाँ वर्ष १९५, अन्यतीर्थिकों की मान्यताओं के संबन्ध में गौतम के प्रश्न १९६, (१) क्रियाकाल और निष्ठाकाल के विषय में १९६, (२) परमाणुओं के संयोग-वियोग के संबन्ध में १९६, (३) भाषा के भाषात्व के संबन्ध में १९६, (४) क्रिया की दुःखात्मा के विषय में १९६, (५) दुःख की अकृत्रिमता के विषय में १९७, भगवान् के उत्तर १९७-१९८, एक समय में दो क्रियाओं के विषय में १९८, निर्ग्रन्थों के देवभव के भोगसुखों के विषय में १९९, अचलभ्राता और मेतार्य का निर्वाण १९९ ।
उनचालीसवाँ वर्ष २००, मणिनाग चैत्य में गौतम के ज्योतिषविषयक प्रश्न २०१ - २०१ ।
चालीसवाँ वर्ष २०१, विदेह में विहार और अनेक प्रव्रज्यायें २०१ । इकतालीसवाँ वर्ष २०१, महाशतक को चेतावनी २०१ - २०२, राजगृह के उष्णजलहूद के विषय में गौतम के प्रश्न २०३, आयुष्य कर्म
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