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________________ और उस समय भगवान् राजगृह में थे । (९) धन्य काकन्दी का अनशन भी श्रेणिक के राज्यकाल में हुआ था और उस समय भी भगवान् महावीर राजगृह में थे । (१०) मंकाती आदि गृहस्थों की दीक्षायें श्रेणिक के जीवितकाल में हुई थीं । (११) चम्पा में महचंद्र आदि की दीक्षायें हुई तब-तक कोणिक का वहाँ राज्य नहीं हुआ था । (१२) जिस समय वैशाली में कोणिक का युद्ध प्रारम्भ हुआ, उस समय भगवान् महावीर चम्पा में थे । (१३) वैशाली के युद्धकाल में राजगृह में हलचल थी और वैशाली वाणिज्यग्राम युद्धस्थल बने हुए थे अतः उन वर्षों में वर्षावास भगवान् ने मिथिला में किये होंगे । (१४) राजगृह से विहार करके भगवान् श्रावस्ती के निकटवर्ती कचंगला में गये थे और स्कन्धक कात्यायन को प्रव्रज्या दी थी । (१५) बारह वर्ष के श्रमणपर्याय में स्कन्धक ने विपुल पर्वत पर अनशन किया, उस समय भगवान् राजगृह में थे । (१६) राजगृह से चम्पा जाते पृष्ठचम्पा बीच में पड़ती थी । (१७) आनन्द गाथापति ने गृहस्थ-धर्म स्वीकार किया, उस समय और उसके बाद बीसवें वर्ष भगवान् वाणिज्य-ग्राम के दूतिपलास चैत्य (१८) कामदेव ने गृहस्थ-धर्म अंगीकार किया, उसके चौदहवें वर्ष भगवान् चम्पा नगरी में थे । ___ (१९) महाशतक के धर्मस्वीकार के बाद बीसवें वर्ष भगवान् राजगृह में थे । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.008068
Book TitleShraman Bhagvana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year2002
Total Pages465
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Philosophy
File Size8 MB
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