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तीर्थकर-जीवन ये भी ५०० छात्रों के मुख्याध्यापक थे ।
४. व्यक्त कोल्लाग-संनिवेश के रहनेवाले भारद्धाजगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता वारुणी और पिता धनमित्र थे । इनकी उम्र ५० साल की थी । आप ५०० छात्रों के मुख्याध्यापक थे ।
५. सुधर्मा कोल्लाग-संनिवेशनिवासी अग्निवैश्यायनगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता भद्दिला और पिता धम्मिल थे । इनकी अवस्था ५० साल की थी । ये भी ५०० छात्रों के प्रधानाध्यापक थे ।
६. मंडिक मौर्य-संनिवेश के रहनेवाले वासिष्ठगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता विजयदेवा और पिता धनदेव थे । उस समय इनकी उम्र ५३ वर्ष की थी । ये ३५० छात्रों के प्रधानाध्यापक थे ।
७. मौर्यपुत्र भी मौर्य-संनिवेश-निवासी काश्यपगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता विजयदेवा और पिता मौर्य थे । उस समय आपकी अवस्था ६७ साल की थी । आप ३५० छात्रों के अध्यापक थे ।
८. अकम्पित मिथिला के गौतमगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता जयन्ती और पिता देव थे । उस समय इनकी उम्र ४८ साल की थी, आप ३०० छात्रों के उपाध्याय थे ।
९. अचलभ्राता कोसलानिवासी हारीतगोत्रीय ब्राह्मण थे । आपकी माता नन्दा और पिता वसु थे । उस समय इनकी अवस्था ४६ साल की थी । ये ३०० छात्रों के उपाध्याय थे ।
१०. मेतार्य वत्सदेश के तुंगिक-संनिवेश के रहनेवाले कौडिन्यगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता वरुणदेवा और पिता दत्त थे । इनकी उम्र ३६ साल की थी । ये ३०० छात्रों के अध्यापक थे ।
११. प्रभास राजगृह निवासी कौडिन्यगोत्रीय ब्राह्मण थे । इनकी माता अतिभद्रा और पिता बल थे । उस समय प्रभास की उम्र केवल १६ वर्ष की थी । आप ३०० छात्रों के प्रधानाध्यापक थे ।
श्रमण-४
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