________________
करे .
ब्राह्मणो अने श्रमणो शास्त्रो । संसारमा चारे बाजु प्रस वडे लडे छे.
___ अने स्थावर जीवो छे. चैत्यमां महावीरनां अने श्रमणो पापरूप कर्मोनो त्याग
बुद्धनां पगलां छे. मारो भाई टाढथी धूजे छे. श्रमणोमां वर्धमान श्रेष्ठ छे. आ ब्राह्मण, ए लोकोने शाप दानोमां अभयदान श्रेष्ठ छे. आपे छे.
पगथी अग्निने हणो छो. आ सागर खळभळे छे. पर्वतने तमे नखोथी खणो छो ते अने हुं लाकडां छोलीए पुष्पोमां अरविंद श्रेष्ठ छे. छीए.
थोडं पण असत्य महाभयकेटलाको निरर्थक कोपे छे. रूप छे तमे, तेने, मने अने एने तप वडे वधता वर्धमान जितो छो.
मनुष्योना क्षेम माटे साचा ब्राह्मण विना बीजु संन्यास ले छे. कोण उत्तम छे?
दांतोशी लोढाने खाओ छो. कोई ब्राह्मण, जन्म वडे मजूरो रूपा माटे पहाडने ब्राह्मण थतो नथी.
खोदे छे. संसारमा बधा, बधानां शर
बापना खोळामां पुत्र णरूप छे.
आळोटे छे. एगो हं नत्थि मे को वि । विविहेहिं दुक्खेहिं जूर
नाहमन्नस्स कस्स वि तओ से एगया पासेहिं दिव्वा धीरो वा पंडितो मुहुत्तमवि कोहेण, मोहेण, लोहेण वा नो पमायए
चित्तं खुदभइ तत्तो अलं इमे तसा पाणा, इमे थावरा तव एएहिं पाणा न हतन्या इति सम्वे अयं पुरिसे गढिए सोयइ, आयरिया भासंति
जूरइ, तिप्पड, पिट्टक, अणेगचित्ते खलु अयं पुरिसे परितप्पह