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________________ तण्हा (तृष्णा) तृष्णा अच्छरसा (अप्सरस्)१२अप्सरा मुण्डा (स्नुषा) स्नुषा-पुत्रवहू । आसिला (आशिष् ) आशिष आशीर्वाद पुच्छा (पृच्छा) प्रश्न-पूछा धूआ (दुहिता) दीकरी चिता (चिन्ती) चिंता नणंदा (ननान्ट) नणंद आणा (आशा) आज्ञा-आण पिउच्छा । (पितृष्वसा) पितानी छुहा (क्षुधा) भूख पिउसिंआ बहेन-फई कउहा (ककुभा), दिशा माउसिआ (मातृष्वसा) माशीनिसा (निशा) निशा-रात्री माउच्छा । मातानी बहेन दिसा (दिशा) दिशा-दश बाहा (बाहु) बाहु-हाथ-बाय नावा (नौका) नाव माआ (मातृ) माता-जननी गउआ (गोका) गाय सलाया (शलाका) सळी मार्यरा मंदिया (मृत्तिका) माटी संसा (स्वस) स्वसा-बेन मक्खिा बासा (वाच )९३ वाचा-वाणी. सरिओं (सरित्) सरिताकलिमा (कलिका) केळी सरियानी विज्जुला (विद्युत्) चीजली पाडिवार (प्रतिपदा) पडयो. मिब्भा "जिह्वा) जीम पाडिया तिथि जीहा । गिरा (गिढ़)९४ मिरा-वाणी (मातू) देवी, माता. (मक्षिका)माखी-माछी ९. जुओ टिप्पण ७९. ९१ आदिना 'ह' नो विकल्पे 'भ' थाय छे अने शब्दनी अंदरना 'हृ' नो विकल्पे 'ब्भ' थाय छे: जिह्वा जिब्भा, जीहा. विह्वल:-विब्भलो, विहलो. ९२ जुओ टिप्पण ७५. ९३ स्त्रीलिंगी व्यंजनांत नामना अंत्य व्यंजननो 'या' के 'आ' थाय छः वाच-वाया, वाआ. सरित्-सरिया, सरिआ. प्रतिपद्-पाडिवया, पाडिवआ. संपद्-संपया, संपआ. अपवादः विद्युत्-विज्जु के विज्जुला. ९४ स्त्रीलिंगी 'र'कारांत नामना अंत्य 'र'नो 'रा' थाय छेः 'गिर्-गिरा. पुर-पुरा. धुर्-धुरा.
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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