SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रस्तुत पुस्तकमा श्रमण भगवान महावीर एक सुंदर चित्र जरूरी लागतु हर्तु तथा तेमनो मानवतानी दृष्टिप प्रामाणिक परिचय मापवानुं पण तेटलुंज जरूरी जणातुं तुं छतां य आमाथी पेलं चित्र मूकवार्नु तो चनी शक्युं छे अने तेमनो परिचय आपवान हाल तुरत नथी बनी शक्यु ते माटे वाचको जरूर क्षमा यापशे पण निकटना भविष्यमां महावीरवाणीनो गुजराती अनुवाद मारे चाचको समक्ष रजु करवानो मनोरथ छे ते वखते आ परिचय मापवा जरूर प्रयास करवानुं धारी राख्यु छे. __उपरांत जे जे वचनो महावीरवाणीमां आवेलां छे तेवांज वचनो बुद्धवाणीमा अने वैदिकवाणीमांउपनिषदो जने महाभारत वगेरेमां-सुद्धा मळी आवे छे ते संगेन तुलनात्मक लखाण पण आ वाणीनी प्रस्तावनामां जरूरी छे अने डॉ. भगवानदासजीप पोतानी प्रस्तावनामां आ 'वचनो विशे जे एक यीजी सूचना करेली छे ते विशे पण खास लखवा जेवू के तेमनी सूचना ए हती के आ वचनो भगवान महावीरे जे जे प्रसंगे कहेला होय ते तमाम प्रसंगोवाळी ढूंकी नौघ ते ते वचनो साये आपी देवी जोईप जेथी वचनोने वांवतां ज तेमनो भाशय हृदयमा जडाई जाय अने आ वचनो यधारे असरकारक बने. [१७]
SR No.007831
Book TitleMahaveer Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherBharat Jain Mahamandal
Publication Year
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy