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महावीर-बाणी
(१२१) धम्म पि हु सद्दहन्तया, दुल्लहया कारण फासया । इह कामगुणेहि मुच्छिया, समय गोयम । मा पमायए ॥१०॥
[ उत्तरा० अ० १० गा० १६-२०]
(१२२) परिजूरइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवन्ति ते । से सम्बवले य हायई, समयं गोयम | मा पमायए ॥११॥
[उत्तरा० अ० १० गा० २६ ]
(१२३) अरई गण्डं विसूइया, आयंका विविहा फुसन्ति ते । . विहडइ विद्ध सइ ते सरीरयं, समयं गोयम ! मा पमायए
॥१२॥
(१२४) वोच्छिन्द सिणेहमापणो, कुमुयं सारइयं व पाणिय । से सबसिणेहवज्जिए, समय गोयम | मा पमायए ॥१३॥
(१२५) चिच्चाण धणं च भारियं, पवइओ हि सि अणगारियं । मा बन्न पुणो वि आत्रिए, समयं गोयम मा पमायए ॥१४