________________ 840 विसेसचुण्णि [परिहारियपगयं देहस्स तु दोबल्लं, भावो ईसिं व तप्पडीबंधो / अगिलाएँ सोहिकरणेण वा वि पावं पहीणं से // 5604 // आगंतु एयरो वा, भावं अतिसेसिओ से जाणिज्जा। हेऊहि व से भावं, जाणित्ता अणतिसेसी वि // 5605 // सक्कमहादी दिवसो, पणीयभत्ता व संखडी विपुला। धुलंभिग एगघरं, तं सागकुलं असागं वा // 5606 // "विउलं व०" ["भावो देहावत्था०" "देहस्स तु०" "आगंतु एयरो०" "सक्कमहादी दिवसो०"] गाहा / साहूहिं णालप्पइ, तस्स तं दटुं तिव्वा सद्धा होज्ज / ताहे आयरियो तं जाणेत्ता भणति-उग्गाहेउ अज्जो / अमुगघरं एज्जसि तत्थ गयस्स आयरियो विउलं भत्त-पाणं दवावेइ तेण परं न वट्टइ दाउं / कप्पइ से अण्णतरं वेयावडियं करेत्तए / तं उट्ठावणं वा जाव विसोहणं / भत्तं वा पाणं वा, ण दिति परिहारियस्स ण करेंति / कारणे उट्ठवणादी, चोयग गोणीय दिटुंतो // 5607 // उद्वेज्ज निसीएज्जा, भिक्खं हिंडेज्ज भंडगं पेहे। कुवियपियबंधवस्स व, करेइ इयरो व तुसिणीओ // 5608 // "भत्तं वा पाणं०" ["उद्वेज्ज०"] गाहा / सो भगवं अणिगूहियबलविरिओ असित्तिट्ठोजयतया (?) भणइ-उद्वेज्जामि / ताहे अणुपरिहारिओ उट्ठवेइ, एवं णिसीएज्जामि तुयट्टेज्जामि भंडयं पेहेज्जामि, भिक्खं हिंडिज्जामि / तत्थ वि से अणुपरिहारिओ हिंडमाणस्स इमं करेइ - णीणेति पवेसति व, भिक्खगए उग्गहं तउग्गहियं / रक्खति य रीयमाणं, उक्खिवइ करे य पेहाए // 5609 // "णीणेति०' गाहा / 'उग्गहं' ति परिग्गहगं तदोग्गहियंति परिहारियहत्थमयं अणुपरिहारिओ णीणेइ, पडलेसु वा छुब्भइ / चोयगो भणइ-कीस उट्ठवेज्जइ ? बहुतरी से निज्जरा होहिति / एत्थ आयरियो गोणिदिटुंतं करेइ / जहा गोणी पच्चुविट्ठा जइ न उट्ठिज्जइ तो मरइ / तहा सो वि अनुट्ठविज्जंतो मरइ, संजमजीवियं च कम्मक्खयट्ठयाए चिरं इच्छिज्जइ। लवसत्तमव्याख्या कार्या / किञ्चान्यत् - एवं तु असढभावो, विरियायारो य होति अणुचिण्णो। भयजणणं सेसाण य, तवो य सप्पुरिसचरियं च // 5610 //