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भासगाहा-२३९९-२४०९] पढमो उद्देसो
असंपाइ अहालंदे, अद्दिढे पंच दिट्ठि मासो उ । पोरिसि अदिट्ठि दिढे, लहु गुरु अहि गुरुओं लहुआ उ ॥२४०३॥ संपाइमे वि एवं, मासादी नवरि ठाइ चउगुरुए । भिक्खूवसभाऽऽयरिए, तव कालविसेसिया अहवा ॥२४०४॥ अहवा भिक्खुस्सेयं, वसभे लहुगाइ ठाइ छलहुए । अभिसेगे गुरुगादी, छग्गुरु लहु छेदों आयरिए ॥२४०५॥ अहवा पंचण्हं संजईण समणाण चेव पंचण्हं । पणगादी आरद्धं, णेयव्वं जाव चरिमपदं ॥२४०६॥
["संपातिमे०" "जलजा उ०" "असंपाति०" "संपातिमे०" "अहवा भिक्खु०"] "अहवा पंचण्हं०" गाहा । अहवा जहन्नए अहालं दे खुड्डियाए अद्दिष्टे पंचराइंदिया गुरुया पोरुसिं चिट्ठइ, अदिट्ठा पंचराइंदिया गुरुया, दिट्ठा दसराइंदिया लहुया, अहियं पोरुसिं अच्छइ । अद्दिट्ठा दसराइंदिया लहुया, दिट्ठा दसराइंदिया गुरुया । एयं असंपाइमे । संपाइमे पंचहिं गुरुएहिं आढत्तं पण्णरसेहिं लहुएहिं ट्ठाइ । एयं चिटुंतीए । णिसीदंतीए पन्नरसेहि गुरुएहिं ठाइ । तुयटुंतीए वीसाए लहुएहिं ठाइ, णिहायंतीए वीसाएहिं गुरुएहिं ठाइ, पयलायंतीए पणुवीसाए लहुए ठाति । असणादि आहारं आहरेंतीए पणुवीसाए राइंदिएहिं गुरुएहिं ठाइ । उच्चारे मासलहुए ठाति । काउस्सग्गे मासगुरुए ठाइ । सज्झाए चउलहुए ठाइ । धम्मजागरियाए चउगुरुए ठाइ। एवं खुड्डीए । थेरीए छल्लहुए ठाइ । भिक्खुणीए छग्गुरुए ठाति । अभिसेयाए छेदे ठाइ । पवत्तिणीए मूले ठाइ । जहा भिक्खुणी तहा खुडओ, जहा गणिणी तहा थेरो । पवत्तिणि सरिसो भिक्खू । उवज्झाओ गुरुएहिं पन्नरसेहिं आढत्तो अणवढे ट्ठाइ । आयरिओ वीसाए लहुएहिं आढत्तो पारंचिए ठाइ ।
संजइ संजय तह संपऽसंप अहलंद पोरिसी अहिया । चिट्ठाई अद्दिढे, दिढे पणगाइ जा चरिमं ॥२४०७॥ पण दस पनरस वीसा, पणवीसा मास चउर छ च्चेव । लहु गुरुगा सव्वेते, छेदो मूलं दुगं चेव ॥२४०८॥ पणगाइ असंपाइम, संपाइमऽदिट्ठमेव दिढे य । चउगुरुएँ ठाति खुड्डी, सेसाणं वुड्ढि एक्केक्कं ॥२४०९॥