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प्रकरण १४ : अव्यय विचार
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ओसरइ, अवेइ, अवक्कमइ, ओहरइ (५) अव, ओ (अव), दूर, खाली :- अवतरइ, ओगाहइ, अवगच्छइ. (६) अभि, अहि (अधि), अधिक, वर :- अहिगच्छइ, अहिचिट्ठइ. (७) आ(आ), पर्यंत, वर :- आरुहइ, आगच्छइ, आपुच्छइ, आलिंगइ. (८) उ (उद्) वर :- उग्गमेइ, उत्तरइ, उद्दिसइ. (९) उव (उप), कडे, जवळ :- उवकरेइ, उवधारेइ, (उवसग्ग, उवयार) (१०) दु,दू (दुर), वाईट, कठिण :- दुक्करेइ, दूसहेइ, (दुग्गम, दुग्गइ) (११) नि, नी (निर्), बाहेर, दूर, निश्चय, आधिक्य, निषेध :- निग्गमइ, निस्सरइ, नीसरइ, निजिणेइ, निरिक्खइ. (१२) नि (नि), आत, खाली :- निमज्जइ, निवडइ. (१३) प,प्प (प्र), प्रकर्ष, विशेष, पुढे :- पयासेइ, विप्पजहइ. (१४) परा, पला (परा), उलट, मागे, विरुद्ध, दूर :- पराजिणइ, पलायइ. (पराभव) (१५) परि, पलि (परि), सभोवती :- परिवट्टइ, परिगणेइ, परिणेइ. (१६) परि, पडि, पड़ (प्रति), कडे :- पइजाणइ (प्रति+ज्ञा), पडिभासइ, पडिवालेइ. (१७) पि (अपि), कडे, जवळ :- पिहेइ (पिदधाति), पिहइ, (पिहिऊण, पिहित्ता) (१८) वि (वि), दूर, वेगळे, विशेष, नकार, विरोध :- विक्किणइ, विकुव्वइ, विवरेइ, वियाणेइ, विस्सरइ (वि+स्मृ) (१९) सं, सा (सम्), सह, एकत्र :- संगमइ, संतोसेइ, साहरइ (सम्+ह) (२०) सु (सु), चांगले :- सुकरेइ, (सुकय)
(अ) (१) पाउ, पादु (प्रादुस्) :- पाउकरेइ, पादुरकासि, पाउकुज्जा (२) नम, नमो (नमस्) :- नमोक्कार. (३) अत्थं (अस्तम्) :- अत्थंगमेइ, (अत्थंगय) (४) तिरो (तिरस्) :- तिरोभूय (५) पुरो, पुर (पुरस्) :- पुरक्कार (पुरस्कार)