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[सम्यग्दर्शन : भाग-6
महावीर सन्देश ) सम्यग्दर्शन
भगवान महावीर द्वारा बतलाया गया जो मोक्ष का मार्ग, उसका मङ्गल द्वार सम्यग्दर्शन द्वारा खुलता है। महावीर भगवान के सन्देश अनुसार तत्त्व का स्वरूप जानकर, आत्मा की लगन से उसका अभ्यास करते-करते एक ऐसा अपूर्व क्षण आता है कि आत्मा, मिथ्यात्व से छूटकर चैतन्य के परम गम्भीर शान्तरस में स्थिर हो जाता है। स्वयं का अत्यन्त सुन्दर महान अस्तित्व पूरा-पूरा स्वसंवेदनपूर्वक प्रतीति में आ जाता है-यही है सम्यग्दर्शन! यही है साध्य की सिद्धि ! यही है मङ्गल चैतन्य प्रभात! और यही है प्रभु महावीर का सन्देश !
प्रिय साधर्मियों! तुम भी यह मङ्गल सन्देश झेलकर आनन्द से प्रभु के मार्ग में आओ।
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