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लेख एक अद्भुत वैराग्य चर्चा.. हे वीरजननी ! पुत्र तेरा जाता है मोक्षधाम में,. मृत्यु महोत्सव. शान्तिदातार सन्त वाणी... निरन्तर... भानेयोग्य.... भावना.......... सम्यक्त्व सूर्य............ १. सम्यग्दृष्टि का नि:शङ्कित अङ्ग...... २. सम्यग्दृष्टि का नि:कांक्षित अङ्ग. ३. सम्यग्दृष्टि का निर्विचिकित्सा अङ्ग. ४. सम्यग्दृष्टि का अमूढ़दृष्टि अङ्ग.................... ५. सम्यग्दृष्टि का उपगूहन अङ्ग...... ६. सम्यग्दृष्टि का स्थितिकरण अङ्ग... ७. सम्यग्दृष्टि का वात्सल्य अङ्ग........ ८. सम्यग्दृष्टि का प्रभावना अङ्ग.. सम्यग्दर्शन के आठ अङ्गों की कथाएँ.. ................ १. नि:शङ्कित-अङ्ग में प्रसिद्ध अञ्जनचोर की कथा................. २. नि:कांक्षित-अङ्ग में प्रसिद्ध अनन्तमती की कथा......... ३. निर्विचिकित्सा-अङ्ग में प्रसिद्ध उदायन राजा की कथा.......... ४. अमूढदृष्टि-अङ्ग में प्रसिद्ध रेवतीरानी की कथा................. ५. उपगृहन-अङ्ग में प्रसिद्ध जिनेद्रभक्त सेठ की कथा............. ६. स्थितिकरण-अङ्ग में प्रसिद्ध वारिषेण मुनि की कथा..... ७. वात्सल्य- अङ्ग में प्रसिद्ध विष्णकुमार मुनि की कथा........... ८. प्रभावना - अङ्ग में प्रसिद्ध वज्रकुमार मुनि की कथा...
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