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अनुक्रमणिका.
विषय.
प्रसंग अंक. द्वितीय विश्रामकी अनुक्रमणिका २.
सत्संगमहिमा २३-४७ संतोंके लक्षणका प्रश्न और उत्तर..... .... .... ... .... १५ संतोंके दोमांतिके लक्षणका विभाग. सत्संगका महिमा.
..... .... १७ चक्रवर्ति राजासे ब्रह्माके और मोक्षके सुखः सत्संगसुखकी अधिकता. १८ फिर सत्संगकी स्तुति. .... .... .... .... ..... १९-२३ मोक्षके चारि द्वारपाल. .... .... .... ... .... २४ सत्संगकी श्रेष्ठतामें प्रमाण. .... .... .... .... .... २५
तृतीय विश्रामकी अनुक्रमणिका ३.
सप्तज्ञानभूमिकावर्णन ४७-६१ मोक्षमार्गके उपदेशकी दुर्गमता. .... .... .... ..... संतोंकी समीपता मात्रसे बोधका संभव, सप्तभूमिका नाम । फिर प्रश्न. .... शुभइच्छा नाम प्रथमभूमिका. .... सुविचारणा नाम द्वितीयभूमिका. तनुमानसा नाम तृतीयभूमिका. : सत्वापत्ति नाम चतुर्थभूमिका.
असंसक्ति नाम पंचमभूमिका.