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________________ TRATTING मन्त्रराज प्रभाकर दोनों भाग. इसमें श्रुति, स्मृति, इतिहास, पुराणादि प्रमाण तथा महात्माओंके वचन और शास्त्रानुकूल युक्तियोंसे ऐहलौकिक पारलौकिक सुखविधायक धर्मनिरूपणपूर्वक तारक राममंत्र का महत्त्व प्रदर्शित किया गया है; अतएव यह पुस्तक सर्व साधारणको कहाँतक उपयोगी है यह कहनेकी आवश्यकता नहीं, सबके सुभीतके लिये मूल्य भी बहुतही थोड़ा अर्थात् केवल सं० १ रक्खा है. डा. म. ३ आ. ब्रह्मसूत्र - ( वेदान्तदर्शन ). शारीरकभाष्यानुसार सूत्रभावार्थप्रकाशिकाभापाटीका, अधिकरणसूत्र, तथा उनका प्रसंग प्रदर्शित करनेवाली सूची और अकारादिवर्णक्रमानुसार सूत्रावलोकन प्रकारसहित इसमें सूत्र और शांकर भाष्यके गहन विषयोंका विवेचन सरल रीति से किया गया है; जिससे यह पुस्तक सर्व साधारण के संग्रह योग्य होगई है. ऐसी सरल और गूढ़ वेदान्तके सिद्धान्तोंको सुगमता से समझानेवाली यह टीका अपने ढंगकी एकही है, क्योंकि भामती, आनन्दगिरि आदि सव' टीकाओंके सहारे से लिखी गई है, रु० १ ० १२ डा०म० ०-४ पुस्तक मिलनेका ठिकाना - हरिप्रसाद भगीरथजी, " कालकादेवीरोड रामवाडी - मुंबई. JAMUNUUJJJJJOYTVVVVTTTTTTT...............CO.TODITHYACINTOS
SR No.007743
Book TitleVicharmala Granth Satik Pustak 1 to 8
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnathdas Sadhu, Govinddas Sadhu
PublisherGujarati Chapkhana
Publication Year1832
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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