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श्री संवत्सरी प्रतिक्रमण विधि सहित
गोमुख, महायक्ष, त्रिमुख, यक्षेश, कुसुमयक्ष, मातंग, विजय, अजित, ब्रह्मयक्ष, मनुज और सुरकुमारो जैसे यक्ष
छम्मुह, पयाल, किन्नर, गरुडो, गंधव्व, तह य जक्खिंदो,
कूबेर, वरुणो, भिउडी, गोमेहो, पास, मायंगा। (c)
छह मुखवाले षण्मुख यक्षो, पाताल, किन्नर, गरुड, गंधर्व, यक्षेत्र, कुबेर, वरुण, भृकुटि, गोमेध, पार्श्व और मातंग इस प्रकार चौबीस यक्ष है
२४ शासन देवी / यक्षिणीओंका स्मरण
देवीओ चक्केसरी, अजिआ, दुरिआरि, काली, महाकाली, अच्चुअ, संता, जाला, सुतारया, सोय, सिरिवच्छा, (3)
चक्रेश्वरी, अजिता, दुरितारि, काली, महाकाली, अच्युत, शांता, ज्वाला, सुतारका, अशोका, श्रीवत्सादेवीओं
चंडा, विजयं, कुसि, पन्नइत्ति, निव्वाणि, अच्चुआ, धरणी,
वइरुट्ट, छुत्त, गंधारी, अंब, पउमावइ, सिद्धा । (१०)
चंडा, विजया, अंकुशा, प्रज्ञप्ति, निर्वाणी, अच्युता, धारिणी, वैरुट्या, अच्छुप्ता, गांधारी, अंबा, पद्मावती, सिध्धायिका (ये चौबीस यक्षिणी है