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६.
७.
३
और फिर बाये हाथमें मुहपत्ति रखकर बाएं हाथके पृष्ठभाग पर फिराकर 'हास्य, रति, अरति परिहरं' बोलें ।
ix
मुहपत्तिको चित्रमें दर्शाये मुताबिक उँगलीयों में फँसाओ और फिर उँगलीसे कलाईकी ओर (पक्खोडा) एवं कलाईसे ऊँगली की ओर (अक्खोडा) मुहपत्तिके
द्वारा तीन तीन बार प्रमार्जना करो, और उसके साथ नीचे दर्शाये गये बोल बोलें -
'सुदेव, सुगुरु, सुधर्म, आदरं' - पक्खोडा 'कुदेव, कुगुरु, कुधर्म परिहरं', - अक्खोडा
'ज्ञान, दर्शन, चारित्र, आदरं ', - पक्खोडा 'ज्ञान विराधना, दर्शन विराधना, ‘चारित्र विराधना परिहरं, ' - अक्खोडा
'मनो गुप्ति, वचन गुप्ति, काय गुप्ति, आदरं' - पक्खोडा 'मनदंड, वचन दंड, कायदंड परिहरूं' - अक्खोडा
(पक्खोडा = ३ टप्पे मुहपत्तिको अंगलीके शरुआतसे कलाई तरफ ले जायें. अक्खोडा = मुहपत्तिको सीधे कलाईसे अंगीकी शरुआत तक ले जाये ।) और फिर दाये हाथके पीछेके भागमें मुहपत्ति (सातवें चित्रमें दर्शाये गये अनुसार) फिराते
८.
फिर बाएं हाथमें मुहपत्ति फँसाकर दाये हाथके पीछे के भागमें मुहपत्ति फिराते हुए 'भय, शोक, जुगुप्सा परिहरं' बोलो।