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श्री खरतरंगन्छीय ज्ञाने गन्दिर, जयपुर
यौवक्त राय धनपतसिंहजी बाहादुरका अागमसंग्रह १०मा भाग।
प्रश्नव्यारणकसूत्र। .
१० दसम अंग
9. 31-51
व ज्ञान मा
छोय सान
पाप
श्रीवुटेराबोधीत।
. ..
गगाधर मुधर्माखामीशतमूलसूत्र तदुपरि श्रीमदाभयदेवाचार्य सूरीकता टीका। श्रीमान् परमसंवेगी श्री_टेरायजीतचरणरेणुदासानुदास
श्रीभगवान् विजयकृत भाषा संसोधीत ।
(सो. के
कलिकातानग- नतनसंखातयंत्रे १५३३ संवत्सरे श्रीगोपालचन्द्रदेवेन मुद्रितम् ।