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________________ - बेलगाम जिला। [६६ (३) दक्षिण भाग। (२१) बेलगाम जिला। इसकी चौहदी इस प्रकार है उत्तर-मीरज और जथका राज्य, उत्तर पुर्व बीजापुर, पूर्वजमखंडी, मुधल, कोल्हापुर और रामदुर्ग राज्य, दक्षिण व दक्षिण पश्चिम-धाड़वाड़ और उत्तरकनड़ा, कोल्हापुर और गोआ, पश्चिम सावंतवाड़ी और कोल्हापुर राज्य ॥ इसमें ४६४९ वर्गमील स्थान है । इस निलेमें रिना, घटप्रभा और मलप्रभा मुख्य नदिये हैं । इतिहास-यहां सबसे प्राचीन स्थान हालसी है । जो नौ कादम्ब राजाओंकी राज्यधानी है। ७ ताम्रपत्र मिले हैं। प्राचीन चालुक्योंने ५५०से ६१० तक, फिर पश्चिमी चालुक्योंने ७६० तक, फिर १२५० तक राष्ट्रकूटोंने ज़िनकी शक्ति राट्ट महामंडलेश्वरोंमें जीवित रही जिन्होंने सन् ८७५ से १२५० तक राज्य किया । इनकी राज्यधानी पहले सौन्दत्ती थी तथा सन् १२१०में वेणुग्राम या बेलगाम हो गई। १२वीं और १३वीं शताब्दीके प्रारम्भमें गोआके कादम्ब रानाओंने सन् ९८० से १२५० तक हालसी ज़िलेके भाग और वेणुग्राम पर राज्य किया। तीसरे होसाल राजा विष्णुवर्द्धन या विट्टिदेवने (सन् ११०४-४१) हालसीके
SR No.007291
Book TitleMumbai Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherManikchand Panachand Johari
Publication Year1925
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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