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सतारा जिला।
[६७ (३) धूमलवाड़ी-सतारारोड रेलवे स्टेशनके निकट-तालुका कोरेगांव यहां एक गुफा है। जिसमें श्री पार्श्वनाथ भगवानकी मूर्ति २॥ फुट ऊंची है मस्तक खंडित है। गुफामें पानी भरा रहता है । पहाड़ीपर आधी दूर जाकर एक खुदाई है जिसको खंभटोंक कहते हैं । एक गुफाका मंदिर है। मट्टी और पानीसे भरी है। पहाड़ीपर पुराने किलेके ध्वंश हैं।
इम्पीरियल गजटियर बम्बई प्रांत भाग १ (सन १९०९) सफा १३९ पर लिखा है।
“ The Jains in Salara dist represent a survival of carly Jainism, which was once the religion of the rulers of the Kingdom of carnatec." ____ भावार्थ-सतारा जिलेके जैनो प्राचीन जैनधर्मके अस्तित्वको बताते हैं । जो कर्नाटकके राजाओंका धर्म था ।
(४) फलटन नगरमें एक २००० वर्षका प्राचीन पाषाण जिन मंदिर है, नग्न मूर्तियां अंकित हैं । अभी महादेव पधरा दिये --- गए हैं जिनको जगेश्वर महादेव कहते हैं।