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६६] मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ।
(१९) सतारा ज़िला इसकी चौहद्दी इस प्रकार है । उत्तर भोर और फलटन राज्य, और नीरा नदी, पूर्वमें शोलापुर, दक्षिण वारण नदी, कोल्हापुर और सांगली, पश्चिम पश्चिमीय घाट, कोलाबा और रत्नागिरी निला ।
यहां ४ ८२५ वर्ग मील स्थान है।
इस ज़िलेका इतिहास यह है कि यहां सन् ई से १०० वर्ष पूर्वसे २०८ ई. तक शतवाहन राजाओंने राज्य किया फिर इनकी कोल्हापुर शाखाने चौथी शताब्दि तक फिर पश्चिमीय चालु क्योंने ५५० से ७५० तक फिर राष्ट्रकूटोंने ९७३ तक फिर पश्चिम चालुक्योंने और उनके नीचे कोल्हापुरके शिलाहारोंने ११९० तक फिर देवगिरीके यादवोंने १३०० तक पश्चात् मुसलमानोंने अधिकार किया।
यहां करादके पास, तासगांवमें भोसा पर बाईके पाम, भाउ तालुकामें मालाउदीमें, कुंडल, पाटन, पटेश्वरमें बौद्ध और ब्राह्मण गुफाएं है।
(१) करादनगर- सतारानगरसे दक्षिण पश्चिम ३१ मील और फराद रेलवे स्टे०से दक्षिण पश्चिम १ मील। दक्षिण पश्चिमसे करीब ३ मील यहां ९४ बौद्ध गुफाएं हैं।
(२) बाई-महाबलेश्वरके पूर्व १५ मील और सताराशहरसे दक्षिण पश्चिम २० मील। यहां पास लोहारी ग्राममें कुछ वौड
गुफाएं हैं।