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५२) मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक।
(३) संगमनेर तालुका-यहां दो ताम्रपत्र मिले हैं जिसमें एक संस्कृतमें शाका ९२२ का है जिसमें यह लेख है कि सुमदासके यादवोंके महासामंत भिल्लोनाने एक दान दिया था।
(Ep. Ind, vol 11 part XII P. 42.)
(४) मेहेकरी-अहमद नगरसे पूर्व ६ मील एक ग्राम । यहां एक पहाड़ीके नीचे एक प्राचीन जैन मंदिर है। अहमदावाद गैजेटियर जिल्द १७ छपा १८८४ में पृष्ठ ९९ से १०३ में जैन शिम्पियोंका हाल इस तरह दिया है ।
“ इनकी संख्या ३४५१ है । ये दरजीका काम करते हैं। जाति शैतवाल है । ये माड़वाड़से आकर बसे मालूम होते हैं। इनका रक्त क्षत्रियोंका है । इनका कुटुम्ब देवता श्री पार्श्वनाथ हैं। ये लोग स्वच्छ रहते हैं, परिश्रमी हैं, नियमसे चलनेवाले है तथा अतिथि सत्कार करते हैं किन्तु कुछ मायाचारी भी हैं । ये सब दिगम्बर जैन हैं । इनका धार्मिक गुरु विशालकीर्ति है जिसकी गद्दी वारसीके पास लाटूरमें है । इनके जातीय बन्धन दृढ़ हैं। ये अपने झगड़े जातीय पंचायतमें तयकर डालते हैं।"
(५) घोटान-अहमदनगरसे औरङ्गाबाद जाते हुए खास सड़पर शिवगांव और पैथानके मध्यमें एक महत्व पूर्ण स्थान है । यहां ४ मंदिर हैं उनमें १ जैन है अब इसको हिंदू कर लिया गया है।