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५०] मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक।
(२) अंजार-भद्रेश्वरसे उत्तर पूर्व १६ मील-यह भी देखने योग्य है । यह अजमेरके राजकुमार अजयपालका स्थान है।
(३) गेदी-रापूरके उत्तर पूर्व १६ मील-यह एक प्राचीन वैराट नगरी है। पुराने सिक्के मिलते हैं। श्री महावीरस्वामीका जैन मंदिर है जिसमें श्री आदीश्वरकी मूर्ति सं० १५३४ की है।
(४) कंथकोट- अनारसे उत्तर पूर्व ३६ मील, दावसे दक्षिण पश्चिम १६ मील यहां १३ वीं शताब्दीका एक जैन मंदिर है-जो अब ध्वंश होगया है। इसमें सं० १३४० का लेख है । यह श्री महावीरखामीका सोलखंभा मंदिर कहलाता है।
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