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बेलगाम जिला।
[८७ (१७) वादगी-अथलीसे पूर्व १३ मील, प्राचीन जैनमंदिर जो व्यवहारमें नहीं आता व जीर्ण है ।
(१८) कागवाद-अथनीसे पश्चिम २२ मील एक पहाड़में खुदाई है वहां सुन्दर जैन मूर्ति है तथा एक नैनमंदिर है। ___ (१९) रायबाग-प्राचीन नाम बागे या हवीनबागे बेलगामके देशी राज्योंमें एक नगर है । यहां संस्कृतमें शिलालेख है । इसमें पहले कृष्ण प्रथमका नाम है जिसने राहवंशको प्रसिद्ध किया । फिर राजासेन सेलेकर कार्तवीर्य चतुर्थ और मल्लिकार्जुन तक नाम हैं। इनका समकालीन यादव वंशका राजा रेव्वा या जो कोपनपुरका अधिपति था । इसमें उस दानका वर्णन है जो कार्तवीर्यदेवने शाका ११२४ को शुभचन्द्र भट्टारकदेवको किया, वास्ते राहोंके जैन मंदिरोंके लिये जिनको उसकी माता चंद्रिकादेवीने स्थापित किया था। यहीं दूसरा लेख नरसिंहसेठीके जैन मंदिरमें है । संस्कृत में यह चालुक्य लेख है । (शायद) शाका १०६२ में नरसिंहसेठीके जैन मंदिरको महाराज जगदेकमल्लके राज्यमें दंडनायक दासिमरसुने दान किया।