________________
(६४) पूजारीयोंने पंचो के नाम कइ मरतबा कागज लिखे हैं उन में से कुछ नकलें हम यहां लिखेंगे । A सम्वत् १८५१ महा सुदी २ का कागज भण्डारी कुबेरजी
का लिखा हुवा नगरशेठ पंचों जैन श्वेताम्बरी के नाम जिस में बयान हैं कि___ " सदीप की रीती परमाणे सेवा पूजा करांगा और गेणों मुगट कुंडल बाजुबंध कडा हार विगेरे आभूषण सदीप परमाणे धारण करांवेगा छत्र चामर विगेरे सरव सामग्री सेवा में हाजर राखेंगा कसर पाडागा नहीं।" B सम्वत् १८७६ मंगसर सुदी १३ भण्डारी दोलतराम दलीचंदने जैन श्वेतांबर पंचो के नाम लिखी जिस में बयान
" श्री केसरियाजी के धारण वास्ते मुगट कुंडल कडा भुजबंध कंदोरा विगेरेह आभूषण तथा चमर छत्र विगेरे चडेगा तेमां अमारो दावो नहीं" C सम्वत् १८७६ पोस सुदी १ को एक कागज नगरसेठ
वेणीदासजी विगेरे समस्त जैन श्वेताम्बरी पंचो के नाम भण्डारी दलीचंद का लिखा हुवा है जिस से भी साबित होता है कि कदीम से नोकर चाकर कामदारने भेज कर वहीवट कराने का अधिकार जैन श्वेताम्बर पंचो का है।