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परवाना प्रकरण.
पाठक ! इस प्रकरण में राजवंशीयोंने इस तीर्थ के लिये या इस तीर्थ से सम्बन्ध रखनेवाले परवाने समय समय पर दिये हैं, उन का कुछ बयान करना चाहता हूं सो लक्ष दे कर पढियेगा |
प्रथम मुगल बादशाह अकबर जिन का नाम इतिहास जाननेवालों से छिपा नही है । एक परवाना श्रीमान् हरिविजयसूरिजी ( जो श्वेताम्बराचार्य थे ) को लिख दिया है उस में भी श्रीकेसरियाजी तीर्थ का नाम लिखा गया है जिस की नकल देखिये ।
मोगल बादशाह अकबरने निज के राज्य में सैंतीसवें वर्ष में एक पट्टा श्रीमान् हरिविजयसूरिजी महाराज को कर दिया