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श्रीषभदेवजी महाराज के पछवाइ धारण कीनी संगवी मगनीराम वा भभुतसीहजी पुनमचंद दीपचंद सोभागमल चांदमल बाफणा चांदी सीके रु. १००० भर की चढाइ १६२७ चैत्र वदी १३ वार थावर कारीगर सुनार भगवान भेरुलाल सदर गांमे । "
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यह पिछवाई रतलाम के सेठ मगनीरामजी भभूतसिंहजी ने अपनी ओर से धारण कराई है । इस के सिवाय इन्ही सेठजी की तर्फ से मन्दिर के मूल (निज) गम्भारे में चांदी का काम बनवाया गया जिस के लेख को भी देख लेना चाहिये ।
" १ श्री ऋषभदेवजी महाराज के पछवाई धारण कीनी संगवी मगनीराम व भभूतसिंहजी पुनमचंदजी दीपचंद सोभागमल चांदमल बाफणा चांदी सीके रु. १८०० भर की चढाई संवत् १९२७ चेत वदी १३ वार थावर कारीगर सुनार भगवान भेरुलाल सरणा में "
इन दोनो लेखों से एसी गहरी सिबूत सम्पादन हो जाने का मेरा लिखना नहीं है, किन्तु इतना अवश्य मानना पड़ेगा कि जिस तरह मन्दिर, नौचौकी, मरुदेवीजी का हाथी, नौबतखाना, श्रीपार्श्वनाथजी का मन्दिर, बाग में छतरी, पादुका, जैनाचार्य की मूर्त्ति व पादुका और रूपविजयजी महाराज के चरण इत्यादि प्रमाण श्वेताम्बर समाज के हक में सिबूत दे रहे हैं । उसी तरह पिछवाई व निज मन्दिर की दीवारों पर