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________________ १० . जैन आगम साहिस्य में भारतीय समाज सुपार्श्व उनके चाचा और नन्दिवर्धन बड़े भाई थे; उनकी बहन का नाम सुदर्शना था, तथा कौडिन्ययोत्रीय यशोदा से उनका विवाह हुआ था। प्रियदर्शना ( अथवा अनवद्या) उनकी कन्या थी जिसका विवाह महावीर की बहन सुदर्शना के पुत्र क्षत्रियकुण्डग्रामवासी जमाली के साथ हुआ था। प्रियदर्शना की पुत्री का नाम शेषवती अथवा यशोमती था। बौद्धों के प्राचीन ग्रन्थों में महावीर को दीर्घतपस्वी निगंठ नाटपुत्त (निर्ग्रन्थ ज्ञातृपुत्र ) के नाम से उल्लिखित किया है। यहाँ अभयराजकुमार,२ सीह, उपालि,४ असिबंधकपुत्र," दीघतपस्सी, सच्चक, सिरिगुत्त आदि उनके अनुयायियों का उल्लेख है । जैन कुण्डग्राम के ऋषभदत्त की पत्नी देवानन्दा ब्राह्मणी के गर्भ में अवतरित हुए, लेकिन क्योंकि अरहंत, चक्रवर्ती, बलदेव तथा वासुदेव भिक्षुक और ब्राह्मण आदि कुलों में जन्म धारण नहीं करते, इसलिए इन्द्र ने उन्हें क्षत्रियकुण्डग्राम के गणराजा सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला के गर्भ में परिवर्तित कर दिया। तथा देखिये व्याख्याप्रज्ञप्ति ६.६.८३७-८४१ । दिगम्बर सम्प्रदाय में गर्भ परिवर्तन की मान्यता स्वीकार नहीं की गयी है। १. श्वेताम्बर परम्पग में महावीर, नेमिनाथ, पार्श्व, मल्लि और वासुपूज्य इन पाँच तीर्थंकरों को 'कुमारप्रवजित', 'कुमारसिंह', अथवा 'गृहस्थप्रवजित' कहकर उल्लिखित किया है, जिन्होंने राज्याभिषेक को अनिच्छापूर्वक कुमार अवस्था में गृह त्यागकर दीक्षा धारण की। दिगम्बरीय यतिवृषभ आचार्य की तिलोयपरणत्ति में भी यही मान्यता स्वीकृत है। जबकि श्वेताम्बरीय कल्पसूत्र में तथा दिगम्बरीय जिनसेन प्राचार्य की हरिवंशपुराण (६६.८) में 'विवाहमंगल' शब्द का प्रयोग कर यशोदा के साथ महावीर के विवाह की ओर लक्ष्य किया गया है। साधारणतया दिगम्बर सम्प्रदाय में महावीर को अविवाहित ही माना है। २. मज्झिमनिकाय २, अभयराजकुमारसुत्त ।। ३. महावग्ग ६.१६.६१, पृ० २४८; अंगुत्तरनिकाय २, ५, पृ० ३०४ आदि; ३, ७, पृ० २१३ । ४. मज्झिमनिकाय २, उपालिसुत्त । ५. संयुत्तनिकाय ४.४२.८.८, पृ. २८१ ६. मज्झिमनिकाय २, उपालिसुत्त । ७. वही १, चूलसच्चक और महासच्चकसुत्त । ८. धम्मपद प्रकथा १, पृ० ४३४ आदि ।
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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