SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 286
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ च० खण्ड] तीसरा अध्याय : स्त्रियों की स्थिति २६५ कन्या चित्रकला में निपुण थी। उसने मयूर-पिच्छ को फर्श पर इस खूबो से चित्रित किया कि राजा उसे अपने हाथ से उठाता ही रह गया, और उसके नाखूनों में चोट लग गयी। यह देखकर राजा कन्या की गुण-गरिमा पर मुग्ध हो गया, और अन्तःपुर में अनेक रानियों के होते हुए भी उसने कनकमंजरी को पट्टरानी बना लिया।' भविष्यवाणी से विवाह साधु-मुनियों और ज्योतिषियों की भविष्यवाणी के आधार पर भी विवाह होते थे। नटटुमत्त विद्याधर की दो बहनों को किसी मुनि ने कहा था कि उनका विवाह उनके भ्रातृवधक के साथ होगा । संयोग से, कुमार ब्रह्मदत्त उनके भाई का वध करके वहाँ उपस्थित हुआ और उसके साथ दोनों का विवाह हो गया। इस प्रकार के और भी अनेक उउल्लेख मिलते हैं। विवाह के अन्य प्रकार ____ उपर्युक्त विवाहों के अतिरिक्त, विवाहों के और भी प्रकार जैनआगमों में उल्लिखित हैं, जो प्रायः ब्राह्मण-परम्परा में मान्य नहीं हैं। मामा की लड़की (माउलदुहिया) के साथ विवाह जायज समझा जाता था। जमालि महावीर का भानजा था और उसका विवाह उनकी पुत्री प्रियदर्शना के साथ हुआ था। ब्रह्मदत्त का विवाह भी उसके मामा की कन्या पुष्पचूला के साथ हुआ था। इस प्रकार का विवाह लाट और दक्षिणापथ में विहित, तथा उत्तरापथ में निषिद्ध माना जाता था। लाट देश में अपने मामा की लड़की से, तथा कहीं-कहीं अपनी बुआ १. उत्तराध्ययनटीका, ६, पृ० १४१-अ आदि । २. वही, १३, पृ० १९३-अ। ३. देखिए, वही, १३, पृ० १८८-अ; १८, पृ० २३८ । ४. वही, ३, पृ०.६८ अ । ५. वही, १३, पृ० १८९-अ । ६. आवश्यकचूर्णी २, पृ० ८१ । बौधायन में इस विवाह का उल्लेख है। कुमारिलभट्ट ने दाक्षिणात्यों का मजाक उड़ाया है जो अपने मामा की कन्या से विवाह करते हैं; चकलदार, सोशल लाइफ इन ऐशियेंट इण्डिया, स्टडीज़ इन वात्स्यायन्स कामसूत्र, पृ० १३३; देखिए सेन्सस इंडिया, १९३१, जिल्द १,भाग १, पृ० ४५८ । ७. आवश्यकचूर्णी, वही। . .......
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy