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अवड्ढ बिआसणा
एकासणा
निवि
आयम्बिल
उपवास
पच्चक्खाण
छ्ट्ट
अट्ठम
पौषध
सूर्योदय पूर्व
सूर्योदय से 3 प्रहर 10 लाख वर्ष प्रमाण के पापनाश
1 लाख वर्ष प्रमाण के पापनाश 10 लाख वर्ष प्रमाण के पापनाश 01 करोड़ वर्ष प्रमाण के पापनाश 1 हजार करोड़ वर्ष प्रमाण के पापनाश
छ: विगई रहित द्विदल बाद न आवे (तिविहार करे, पोरिसी पश्चात् उबला हुआ पानी ही वापरना)
गृहस्थ जीवन का 1 दिन के लिए त्याग
नवकारसी एवं चउविहार का अपूर्व लाभ
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10 हजार करोड़ वर्ष प्रमाण के पापनाश
1 लाख करोड़ वर्ष प्रमाण के पापनाश 10 लाख करोड़ वर्ष प्रमाण के पापनाश 27 अ, 27 क, 77 ह., 777 वर्ष का देवलोक का आयुष्य
मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण पारने का सूत्र
मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण फासिअं पालिअं सोहिअं तिरिअ कीट्अिअं आराहिअं जं च न आरहिअं मिच्छामि दुक्कड़ | मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण लेने का सूत्र
मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण अन्नत्थणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहि वत्तियागारेणं वोसिरामि ।
नवकारसी एवं तिविहार सहित मुट्ठिटसाहिअं का पच्चक्खाण संपूर्ण दिवस करने से महिने में 25 से 28 दिवस के उपवास का लाभ मिलता है । ऐसा अकल्प्य लाभ लेने के लिए आज से ही पच्चक्खाण का उपयोग प्रारंभ कर दो।
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पू. आ. श्री रामचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के प्रवचन प्रवाह में से प्रेरणा प्राप्त कर संकलित । सूचना - मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण संपूर्ण दिवस करने वाले को बैठकर ही खाना-पीना चाहिए । चलते-फिरते या खड़े-खड़े खाना-पीना नहीं । खाने-पीने का काम पूर्ण हो तब दोनों हाथ जोड़कर मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण लेकर ही खड़ा होना चाहिए एवं खाने-पीने की शुरूआत करने के पूर्व बैठकर जमीन पर मुट्ठि बंद करके एक नवकार गिनकर मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाण पारना चाहिए ।