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आठ वर्गणाओं जीवों के लिए ग्राह्य एवं उपयोगी है।
1. औदारिक 2. वैक्रिय 3. आहारक, 4. तेजस, 5. भाषा, 6. श्वांसोश्वास, 7
मनोवर्गणा, 8. कार्मण ।
इन सभी वर्गणाओं के प्रत्येक परमाणु एकम में अनंत परमाणुओं होते हैं । पश्चात् भी औदारिक वर्गणा के परमाणु एकम से अधिक वैक्रिय में अधिक परमाणु एवं वैक्रिय से अधिक आहारक आदि ।
आगम विक्रम संवत की पांचवी छठी शताब्दी में लिपिबद्ध हुए तब तक जैन साधुसाध्वी भगवंतों में आगमों को कंठस्थ करने की परम्परा थी। Quantam Mechanics की शोध विक्रम संवत् 20वीं सदी के अंत में हुई थी ।
भाषा वर्गणा के परमाणु
330 मीटर/सेकण्ड
तेजस वर्गणा के परमाणु
30 करोड़ मीटर/सेकण्ड
(Electro Magnetic Waves)
भाषा वर्गणा में परमाणुओं अधिक परंतु शक्ति तेजस वर्गणा के परमाणुओं से कम । मनोवर्गणा के परमाणु में परमाणु भी अत्यन्त अधिक एवं गति भी अत्यन्त अधिक होने से अत्यन्त शक्तिशाली / अनंत शक्तिमय होते हैं ।
आध्यात्मिक ऋषि मुनियों ने जाप के तीन प्रकार बताए हैं :
भाष्य जाप : भाषा वर्गणा - शक्ति कम
उपांशु जाप : इसमें भी भाषा वर्गणा का उपयोग । परन्तु अश्राव्य ध्वनि तरंगों होने से शक्ति अधिक (Ultra Sonic)
मानस जाप श्रेष्ठ जाप : मनोवर्गणा के परमाणु समूह का उपयोग Creates Very High Frequency Vibrations- अनन्त शक्ति ।
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