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48. पूर्वधारी (14 पूर्व) मुनि 1 हाथ का आहारक शरीर बना लेते हैं (स्वयं के शरीर में से
आत्म प्रदेश बाहर निकालकर) क्षण मात्र में महाविदेह क्षेत्र में सीमंधर स्वामी से शंका समाधान करने पहुंच जाते हैं और यहाँ बैठे-बैठे शंका-समाधान के जवाब
भगवान को देते हुए सुनते हैं । (पन्नवणा सूत्र : पद - 21) 49. पूर्व धारियों की लब्धियाँ :
1 घड़े में से 1000 घड़ा बना सके। 1 वस्त्र में से 1000 वस्त्र बना सके। 1 रथ में से 1000 रथ बना सके। 1 दंड में से 1000 दंड बना सके।
इस लब्धि को 'उत्कारिका भेद लब्धि' कहते हैं । भगवती सूत्र :श 5,3.5) 50. वैक्रिय लब्धि : क्षण में विविध रूप करे । Engineer Contractor, Architect
बिना मजदूर आदि की सहायता के खाली मैदान में क्षण भर में बहुत बड़ी नगरी बसा दे। मकान में बंद कर दे तो दिवाल में से बाहर निकल सकते हैं । ऐसी वैक्रिय लब्धि तुम को कितनी बार मिली ? अनंत बार ! अरे मानव भव में भी मिली थी (भगवती
सूत्र :श. 12, उ.7) 51. असंख्य देवा में से 1 देव को मनुष्य जन्म मिलता है, प्रबल पुण्योदय के बिना मानव
भव मिलना सहज नहीं है । (भगवती सूत्र :श. 20 उ. 10) 52. अढ़ी द्वीप के बाहर सूर्य चंद्र नहीं घूमते । अनादिकाल से स्थिर है । इससे अनंत काल
से कितने ही क्षेत्र ऐसे हैं जहां दिन-रात का अनुभव ही नहीं किया (जिवाभिगम सूत्र) 53. जंबूद्वीप में दो सूर्य, दो चंद्र हैं । अढ़ी द्वीप में 132 सूर्य हैं एवं 132 चंद्र हैं । (जीवाभिगम
सूत्र)
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